‘भारत और बांग्लादेश के बीच कोई अंतर नहीं’, महबूबा मुफ्ती की टिप्पणी के बाद उठी कार्रवाई की मांग

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों की स्थिति की तुलना भारत में अल्पसंख्यकों से करने के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ‘कोई अंतर नहीं’ है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख के बयान की कई भाजपा नेताओं ने निंदा की। उन्होंने उनकी टिप्पणी को ‘राष्ट्र-विरोधी’ बताते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया।

मुफ्ती ने उनसे बात करते हुए कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। अगर भारत में भी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होते हैं। तो भारत और बांग्लादेश में क्या अंतर है? मुझे भारत और बांग्लादेश में कोई अंतर नहीं लगता।” उन्होंने कहा, “हमारे पास एक महान देश है, जो अपने धर्मनिरपेक्ष चरित्र के लिए दुनिया भर में जाना जाता है।” मुफ्ती का यह बयान बांग्लादेश में हिंदू धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच आया है।

भाजपा ने मुफ्ती के बयान पर जताई आपत्ति

भाजपा ने पीडीपी प्रमुख की टिप्पणी पर गंभीर आपत्ति जताई। पूर्व जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना ने कहा, “महबूबा का बांग्लादेश की स्थिति की तुलना भारत से करने वाला विवादास्पद बयान पूरी तरह से गलत और निंदनीय है। दुनिया बांग्लादेश में सबसे खराब तरह के मानवाधिकारों के उल्लंघन से अवगत है, जहां अल्पसंख्यक समुदाय को लक्षित हमलों का सामना करना पड़ रहा है, महिलाओं का अपमान किया जा रहा है और एक निर्वाचित प्रधानमंत्री को बाहर भागने के लिए मजबूर किया गया है।” उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार को महबूबा के राष्ट्रविरोधी बयान और उनकी साजिशों को गंभीरता से लेना चाहिए। उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

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