नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक 2024 में पदकों की होड़ शुरू हो गई है। विभिन्न देशों के खिलाड़ियों ने खेल महाकुंभ में प्रतिस्पर्धा करना शुरू कर दिया है। भारत ने इस आयोजन के लिए 117 सदस्यीय मजबूत दल भेजा है, जिसमें से 21 निशानेबाजी में प्रतिस्पर्धा करते नजर आएंगे।
भारत ने अपने ओलंपिक इतिहास में निशानेबाजी में चार पदक जीते हैं और यह इस मेगा इवेंट में उनका तीसरा सबसे सफल खेल बन गया है। लगातार तीन ओलंपिक स्पर्धाओं में निशानेबाजी में भारत के सफल प्रदर्शन की नींव तब रखी गई, जब राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2004 एथेंस ओलंपिक में ऐतिहासिक रजत पदक जीता।
अभिनव बिंद्रा ने स्वर्ण पदक हासिल किया
जयपुर में जन्मे एथलीट ने डबल-ट्रैप स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया, जिससे वह आजादी के बाद भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक रजत पदक विजेता बन गए। राज्यवर्धन के बाद, अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग में आयोजित अगले संस्करण में भारतीय निशानेबाजी को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचाया और 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता।
परिणामस्वरूप, उन्होंने देश की ओर से ओलंपिक में पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता बनकर भारतीय खेल इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया।
बीते दो ओलंपिक से एक भी पदक नहीं
भारतीय निशानेबाजों ने 2012 के लंदन ओलंपिक में भी पोडियम फिनिश जारी रखा। गगन नारंग ने 10 मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक जीता, जबकि विजय कुमार ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में रजत पदक हासिल किया। हालांकि, तब से भारत के दो संस्करण निशानेबाजी में बिना एक भी ओलंपिक पदक के बीत चुके हैं।