नई दिल्ली। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। पार्टी के विधायक सुरिंदर सिंह चौधरी को नई सरकार में जम्मू को प्रतिनिधित्व देते हुए उप-मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। चौधरी ने राज्य भाजपा प्रमुख रविंदर रैना को हराने के बाद एक दिग्गज के रूप में उभरे हैं।
कांग्रेस ने केंद्र के वादे के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की अपनी मांग का हवाला देते हुए फिलहाल नए मंत्रिमंडल से बाहर रहने का विकल्प चुना और कहा कि वह इसके लिए लड़ाई जारी रखेगी।
एलजी मनोज सिन्हा ने शपथ दिलाई
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में प्रसिद्ध डल झील के तट पर शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में उमर अब्दुल्ला को शपथ दिलाई। इस समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, द्रमुक की कनिमोझी और राकांपा (सपा) की सुप्रिया सुले सहित इंडिया ब्लॉक के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
आज पांच विधायकों ने शपथ ली, जिसमें सतीश शर्मा (निर्दलीय), सकीना इटू, जाविद डार, सुरिंदर सिंह चौधरी और जाविद राणा (सभी नेशनल कॉन्फ्रेंस से) शामिल हैं। चार कैबिनेट पद खाली हैं और विस्तार होने पर इन्हें भरा जाएगा।
उमर अब्दुल्ला का है दूसरा कार्यकाल
मुख्यमंत्री के रूप में यह उमर अब्दुल्ला का दूसरा कार्यकाल है और वह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने और 2019 में पूर्ववर्ती राज्य के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पद संभालने वाले पहले व्यक्ति हैं। अपने शपथ ग्रहण समारोह से पहले उमर अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक और उनके दादा शेख अब्दुल्ला की समाधि पर श्रद्धांजलि दी। उमर अब्दुल्ला ने 2009 से 2014 तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था।