नई दिल्ली। तिब्बत में मंगलवार सुबह एक घंटे के भीतर रिक्टर पैमाने पर 7.1 तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप महसूस किए गए। इसके कारण 30 से अधिक लोग मारे गए। इस झटके से भारत, नेपाल और भूटान के कई इलाकों में इमारतें हिल गईं।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने स्थानीय मीडिया के हवाले से खबर दी है कि भूकंप में तिब्बती क्षेत्र में कम से कम 36 लोग मारे गए हैं। चीन की शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने 32 लोगों की मौत और 38 के घायल होने की खबर दी। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, पश्चिमी चीन में नौ लोग मारे गए।
दिल्ली और बिहार में महसूस हुए झटके
दिल्ली-एनसीआर और बिहार की राजधानी पटना और राज्य के उत्तरी भाग के कई स्थानों सहित उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप पश्चिम बंगाल और असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में भी महसूस किया गया। नेपाल की राजधानी काठमांडू में कथित तौर पर तेज झटके के बाद निवासी अपने घरों से बाहर भाग गए।
काठमांडू की निवासी मीरा अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “मैं सो रहा था। बिस्तर हिल रहा था और मुझे लगा कि मेरा बच्चा हिला रहा है। मैंने उतना ध्यान नहीं दिया, लेकिन खिड़की के हिलने से मुझे पुष्टि हुई कि यह भूकंप था। फिर मैंने जल्दी से अपने बच्चे को बुलाया और घर खाली कर खुले मैदान में चले गए।”
पहला झटका सुबह साढ़े 6 बजे महसूस हुआ
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, पहला 7.1 तीव्रता का भूकंप सुबह 6:35 बजे नेपाल-तिब्बत सीमा के पास जिजांग में आया। यह तीव्रता प्रबल मानी जाती है और गंभीर क्षति पहुंचाने में सक्षम है। चीनी अधिकारियों ने तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शहर शिगात्से शहर में तीव्रता 6.8 दर्ज की।