नई दिल्ली। दिल्ली में 7 मई को खान मार्केट, वसंत विहार, कनॉट प्लेस और इंडिया गेट जैसे प्रमुख स्थानों पर व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। यह अभ्यास 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देश पर हो रहा है। यह ड्रिल 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहली ऐसी राष्ट्रव्यापी कवायद है, जो 259 स्थानों पर होगी, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के संवेदनशील क्षेत्र शामिल हैं।
ड्रिल का उद्देश्य युद्ध जैसी आपात स्थिति में नागरिकों को तैयार करना है। इसमें हवाई हमले के सायरन बजाए जाएंगे, ताकि लोग आश्रय ले सकें। दिल्ली पुलिस ने खान मार्केट और वसंत विहार जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है, जहां बॉम डिस्पोजल स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड तैनात किए गए हैं। कनॉट प्लेस, जनपथ और गोले मार्केट में विशेष गश्त इकाइयां सक्रिय हैं, और वाहनों की गहन जांच हो रही है। नागरिकों को टॉर्च, मोमबत्ती और नकदी तैयार रखने की सलाह दी गई है।
ब्लैकआउट का अभ्यास किया जाएगा
छात्रों और नागरिकों को ‘ड्रॉप-एंड-कवर’ तकनीक, प्राथमिक चिकित्सा और तनाव प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाएगी। ब्लैकआउट का अभ्यास होगा, जिसमें रात में रोशनी बंद कर हवाई हमलों से बचा जाएगा। महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छलावरण से सुरक्षित करने और निकासी योजनाओं का रिहर्सल भी होगा। दिल्ली के डीसीपी स्तर के अधिकारी व्यक्तिगत रूप से तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं, और एनडीआरएफ व एसडीआरएफ टीमें नागरिकों को प्रशिक्षित करेंगी।
पाकिस्तान ने भी जवाबी कदम उठाए
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित की, पाकिस्तानी विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद किया और अटारी-वाघा सीमा सील कर दी। पाकिस्तान ने भी जवाबी कदम उठाए, जैसे शिमला समझौता निलंबित करना। गृह सचिव गोविंद मोहन ने 6 मई को राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ तैयारियों की समीक्षा की। यह ड्रिल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और नागरिकों को सतर्क रखने का हिस्सा है, जो क्षेत्रीय तनाव के बीच महत्वपूर्ण है।