नई दिल्ली। पाकिस्तान ने भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पहल के जवाब में पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी को वैश्विक शांति मिशन का नेतृत्व सौंपा है। यह कदम भारत द्वारा सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंचों पर अपनी बात रखने के लिए सात सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की घोषणा के तुरंत बाद आया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बिलावल को एक उच्च-स्तरीय डेलिगेशन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी है, जो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के शांति और स्थिरता के दावों को पेश करेगा। यह कदम भारत की कूटनीतिक रणनीति की नकल माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाना है।
मीडिया रिपोर्ट्स में इस पहल को नकल कहा गया
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत के जवाब में नकल पर उतर आया है, और बिलावल के नेतृत्व में विदेशी टीम भेजने की योजना बनाई है। किसी अन्य रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की घोषणा के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने यह कदम उठाया। एक अन्य वेबसाइट के अनुसार यह डेलिगेशन वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के पक्ष को मजबूती से रखेगा।
बिलावल भुट्टो को कूटनीतिक अनुभव के कारण चुना गया
बिलावल भुट्टो-जरदारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष हैं। उनकी युवा छवि और कूटनीतिक अनुभव के कारण उन्हें चुना गया है। यह कदम भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को दर्शाता है, जहां दोनों देश वैश्विक मंचों पर अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ डेलिगेशन आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति बनाने पर केंद्रित है, जबकि पाकिस्तान इसे शांति मिशन के रूप में पेश कर रहा है।