नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में 26 लोग ज्यादातर पर्यटक मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने लगातार पांच रातों तक नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्षविराम का उल्लंघन किया। मंगलवार रात को भी कुपवाड़ा और बारामूला जिलों में पाकिस्तानी सैनिकों ने अकारण गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इस गोलीबारी में भारतीय पक्ष में कोई हताहत नहीं हुआ।
पहलगाम के बैसारन मीडो में हुए हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है। भारत ने इस हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता का आरोप लगाया है। जवाब में भारत ने कड़े कदम उठाए, जिसमें 1960 के सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी-वाघा सीमा बंद करना और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना शामिल है। पाकिस्तान ने भी भारतीय नागरिकों को अपने देश से निकलने का आदेश दिया और भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया।
पीएम मोदी ने की उच्चस्तरीय बैठक की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक में सशस्त्र बलों को हमले का जवाब देने के लिए पूर्ण स्वतंत्रता दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ बैठक में उन्होंने आतंकियों और उनके समर्थकों को कठोर सजा देने का संकल्प लिया। पहलगाम में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए, जिसमें 1960 के सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी-वाघा सीमा बंद करना और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना शामिल है।
भारत सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने दावा किया कि भारत सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है, जिसके लिए पाकिस्तान ने अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा है। संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने इस हमले की निंदा की और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने आतंकी ठिकानों पर छापेमारी तेज कर दी है और कई संदिग्धों के घरों को ध्वस्त किया गया है।