नई दिल्ली। भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमलों के बाद पाकिस्तान ने तनाव कम करने का संकेत दिया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था। भारत ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के ठिकानों, विशेष रूप से बहावलपुर में जैश के मुख्यालय, को निशाना बनाया। भारतीय सेना ने दावा किया कि 80 से अधिक आतंकी मारे गए, लेकिन किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को नुकसान नहीं पहुंचाया गया। भारत ने इसे सटीक, मापा हुआ और गैर-उत्तेजक ऑपरेशन बताया।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुरू में हमलों को युद्ध की कार्रवाई करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी। हालांकि, ब्लूमबर्ग टीवी पर कुछ घंटों बाद उनका रुख नरम पड़ गया। उन्होंने कहा, “अगर भारत पीछे हटता है, तो पाकिस्तान भी तनाव समाप्त करने को तैयार है।” यह बयान दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया। पाकिस्तान ने दावा किया कि हमलों में 26 नागरिक मारे गए और 46 घायल हुए, जबकि विदेश मंत्रालय ने इसे युद्ध का स्पष्ट कृत्य बताया। पाकिस्तानी सेना ने “अपनी मर्जी से समय और स्थान” पर जवाब देने की बात कही थी।
पाकिस्तान ने युद्धविराम की पेशकश की
आसिफ के बयान को एक्स पर कई यूजर्स ने पाकिस्तान के बैकफुट पर आने के रूप में देखा। कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि पाकिस्तान ने युद्धविराम की पेशकश की है। भारत ने स्पष्ट किया कि उसका लक्ष्य केवल आतंकी ढांचे को नष्ट करना था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमारी कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी, न कि पाकिस्तान के खिलाफ।” इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। यह घटनाक्रम भारत की आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” नीति और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चुनौतियों को रेखांकित करता है।