8 मई को पाकिस्तान ने अमृतसर को बनाया था निशाना, कैसे भारत की हवाई सुरक्षा ने स्वर्ण मंदिर को बचाया?

नई दिल्ली। पाकिस्तान ने पंजाब के अमृतसर पर मिसाइलों और ड्रोनों से हमला करने की कोशिश की, जिसका निशाना सिख समुदाय का पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर था। यह हमला भारत द्वारा आतंकी ठिकानों पर नौ स्थानों पर की गई सैन्य कार्रवाई के जवाब में था। भारत की उन्नत वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से एस-400 सुदर्शन चक्र ने इस हमले को पूरी तरह नाकाम कर दिया। अमृतसर के आसपास के क्षेत्रों में पाकिस्तानी ड्रोनों और मिसाइलों के अवशेष मिले, जो भारतीय सेना की त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया का सबूत हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने 15 भारतीय शहरों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी, जिसमें अमृतसर प्रमुख था। हमले में ड्रोन रणनीति में बदलाव देखा गया; पहले दिन कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोनों को गनफायर से नष्ट किया गया, जबकि 8 मई को ड्रोन ऊंची उड़ान पर थे, जिसे भारत की मध्यम और लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणालियों ने बेअसर किया। भारतीय सेना की इस कार्रवाई ने न केवल स्वर्ण मंदिर, बल्कि अमृतसर और आसपास के गांवों को बड़े नुकसान से बचाया।

घटना को लेकर व्यापक प्रतिक्रियाएं देखी गईं

सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर व्यापक प्रतिक्रियाएं देखी गईं। कई लोगों ने भारतीय सेना की सतर्कता और शौर्य की सराहना की, साथ ही पाकिस्तान की इस ‘नापाक’ हरकत की निंदा की। इस घटना ने भारत-पाकिस्तान तनाव को और उजागर किया, जिसमें स्वर्ण मंदिर जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की कोशिश को गंभीर उकसावा माना गया।

भारतीय सेना की इस सफलता ने न केवल देश की रक्षा क्षमता को प्रदर्शित किया, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए खतरे को भी रेखांकित किया। यह घटना दोनों देशों के बीच चल रहे तनावपूर्ण संबंधों का एक और उदाहरण है, जो भविष्य में और सतर्कता की मांग करता है।

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