नई दिल्ली। प्रवीण कुमार और होकाटो सेमा ने शुक्रवार (6 सितंबर) को पदक अपने-अपने नाम किया। इसके साथ ही भारत पैरालंपिक 2024 में 30 पदकों की संख्या के करीब है। प्रवीण ने पुरुषों की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता, जिससे उन्होंने चार साल के इतिहास में अपना दूसरा पदक जीता। उन्होंने 2.08 मीटर की दूरी तय की और एक एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया।
प्रवीण ने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 2.07 मीटर भी तोड़ा, जिसने उन्हें तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में रजत पदक दिलाने में मदद की थी। दूसरी ओर, होकाटो ने पुरुषों की शॉट पुट F57 स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर भारत का दिन शानदार ढंग से समाप्त किया।
होकाटो पदक जीतनेवाले नागालैंड के पहले एथलीट
14.65 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ, होकाटो पैरालंपिक में भारत के लिए पदक जीतने वाले नागालैंड के पहले एथलीट भी बने। इसके अलावा, उन्होंने इस आयोजन में एथलेटिक्स में भारत की पदकों की संख्या को 15 तक पहुंचा दिया।
महिलाओं की 100 मीटर टी12 फाइनल में सिमरन पदक जीतने से चूक गईं। लेकिन उन्होंने खुद को पोडियम पर फिनिश करने का एक और मौका दिया है। शुक्रवार को उन्होंने महिलाओं की 200 मीटर टी12 स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई। सेमीफाइनल में उन्होंने 25.03 सेकेंड के समय के साथ स्पर्धा को समाप्त किया।
दिलीप गावित ने फाइनल में की जगह पक्की
दिलीप गावित ने पैरा एथलेटिक्स में पुरुषों की 400 मीटर – टी47 स्पर्धा के फाइनल में भी अपनी जगह पक्की कर ली। वह अपनी हीट में 49.54 मीटर के समय के साथ तीसरे स्थान पर रहे। भावनाबेन अजाबाजी चौधरी महिलाओं की भाला फेंक F46 फाइनल में 39.70 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ पांचवें स्थान पर रहीं।
पैरा एथलेटिक्स में महिलाओं के 67 किग्रा तक वर्ग में कस्तूरी राजमणि 106 किग्रा के सर्वश्रेष्ठ भार के साथ आठवें स्थान पर रहीं। पुरुषों की भाला फेंक F54 फाइनल में अंतिम स्थान पर रहने के बाद दीपेश कुमार का दिन भी निराशाजनक रहा। उन्होंने 26.11 मीटर, 25.59 मीटर थ्रो किया, जिसके बाद उन्होंने चार फाउल किए।