अहमदाबाद। 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर हादसे की प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की 15 पेज की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान के कुछ सेकंड बाद ही दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच “रन” से “कटऑफ” स्थिति में चले गए, जिससे इंजन बंद हो गए और विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में जा गिरा। इस हादसे में 241 यात्री और चालक दल के सदस्यों सहित कुल 260 लोगों की मौत हुई।
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज बातचीत में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, “आपने ईंधन क्यों काटा?” जवाब में दूसरा पायलट कहता है, “मैंने नहीं किया।” यह बातचीत पायलटों के बीच भ्रम को दर्शाती है। कैप्टन सुमीत सभरवाल (15,638 घंटे का उड़ान अनुभव) और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर (3,403 घंटे) इस उड़ान को संचालित कर रहे थे।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि अमेरिकी अधिकारियों के विश्लेषण के आधार पर कैप्टन ने ईंधन स्विच बंद किए, लेकिन एएआईबी की रिपोर्ट यह स्पष्ट नहीं करती कि स्विच कैसे बदले गए।
स्विच को गलती से हिलाना लगभग असंभव: अमेरिकी एक्सपर्ट
विशेषज्ञों का कहना है कि स्विच को गलती से हिलाना लगभग असंभव है, क्योंकि इसमें दोहरी सुरक्षा प्रणाली होती है। कुछ विशेषज्ञों ने तकनीकी खराबी की संभावना जताई है, क्योंकि 2018 में अमेरिकी विमानन प्राधिकरण ने बोइंग 737 के स्विचों में लॉकिंग मैकेनिज्म की खामी की चेतावनी दी थी, जो बोइंग 787 में भी इस्तेमाल होता है। हालांकि, एयर इंडिया ने अपने बेड़े की जांच में कोई खामी नहीं पाई।
पायलट यूनियन ने जांच की गोपनीयता और पायलटों को दोषी ठहराने की जल्दबाजी पर सवाल उठाए हैं। पीड़ितों के परिजनों ने कॉकपिट रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करने की मांग की है। अंतिम रिपोर्ट जून 2026 तक अपेक्षित है।