‘आप भारत के सबसे मजबूत ब्रांड एंबेसडर हैं’, पीएम मोदी ने अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को किया संबोधित

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने प्रवासी भारतीय के योगदान की प्रशंसा की और उन्हें ‘राष्ट्रदूत’ या भारत का ब्रांड एंबेसडर करार दिया।

उन्होंने यह टिप्पणी न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में नासाऊ कोलिजियम में ‘मोदी और अमेरिका’ कार्यक्रम में भारतीय-अमेरिकियों के सदस्यों को संबोधित करते हुए की। यह कार्यक्रम उनकी तीन दिवसीय यात्रा का हिस्सा था। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा भारतीय समुदाय की क्षमताओं को समझा है। मैंने इसे तब भी समझा था, जब मैं किसी आधिकारिक पद पर नहीं था। मेरे लिए, आप सभी भारत के मजबूत ब्रांड एंबेसडर रहे हैं। यही कारण है कि मैं आपको ‘राष्ट्रदूत’ कहता हूं।”

पीएम मोदी ने 13 हजार लोगों को किया संबोधित

उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद करीब 13,000 लोगों की भीड़ से कहा, “हम एक ऐसे देश से ताल्लुक रखते हैं जहां दर्जनों भाषाएं और संवाद हैं, दुनिया के सभी धर्म और आस्थाएं हैं, फिर भी हम एकजुट होकर आगे बढ़ रहे हैं।” पीएम मोदी ने इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों की महत्ता का भी उल्लेख किया, जिसमें उनकी पार्टी ने लगातार तीसरी बार ऐतिहासिक जीत हासिल की। न्यूयॉर्क कार्यक्रम में पीएम मोदी की भागीदारी ने 21 सितंबर (शनिवार) को शुरू हुई अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन को चिह्नित किया।

शनिवार को मोदी ने की बाइडेन से मुलाकात

पीएम मोदी क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के गृह नगर विलमिंगटन, डेलावेयर पहुंचे और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता की। पीएम मोदी और बिडेन ने भारत-अमेरिका संबंधों को और बेहतर बनाने के तरीकों पर बात की और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। पीएम मोदी और बिडेन ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ क्वाड लीडर्स समिट में भाग लिया।

छठे क्वाड शिखर सम्मेलन में चारों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य तक कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। पीएम मोदी की तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा सोमवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भविष्य के शिखर सम्मेलन में एक संबोधन के साथ समाप्त होगी।

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