नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों का दौरा किया। खंडहरों को 2016 में संयुक्त राष्ट्र विरासत स्थल घोषित किया गया था। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पीएम मोदी सुबह करीब 10:30 बजे नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने सभा को भी संबोधित किया। रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी की यह राज्य की पहली आधिकारिक यात्रा है।
अपने अतीत के साथ भारत के संबंधों को फिर से जागृत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन से पहले बुधवार को कहा कि विश्वविद्यालय “युवाओं की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।” पीएम मोदी ने कहा, “यह हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए एक बहुत ही खास दिन है। आज सुबह लगभग 10:30 बजे राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया जाएगा। नालंदा का हमारे गौरवशाली हिस्से से एक मजबूत जुड़ाव है।”
देश-विदेश के गणमान्य व्यक्ति मौजूद
उद्घाटन समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नालंदा विश्वविद्यालय के चांसलर अरविंद पनगढ़िया शामिल रहे। कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्रुनेई, दारुस्सलाम, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मॉरीशस, म्यांमार, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका और वियतनाम सहित कुल 17 देशों के विदेशी दूत भी शामिल रहे।
परिसर दो शैक्षणिक ब्लॉक में है बंटा
परिसर को दो शैक्षणिक ब्लॉकों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक में 40 कक्षाएं और लगभग 1900 लोगों की बैठने की क्षमता है। इसमें दो सभागार शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में 300 लोगों की बैठने की क्षमता है। इसमें लगभग 550 लोगों की क्षमता वाला एक छात्र छात्रावास है। इसमें कई अतिरिक्त सुविधाएं भी हैं, जैसे एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र, एक सभागार जिसमें 2000 लोग बैठ सकते हैं।