नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जुलाई से शुरू होने वाले दो देशों की यात्रा के तहत रूस और ऑस्ट्रिया के दौरे पर जाएंगे। दोनों देशों के राजनयिकों ने कहा कि पीएम मोदी की इन देशों की आगामी यात्राएं भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण होंगी।
प्रधानमंत्री सबसे पहले 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 8 और 9 जुलाई को मॉस्को जाएंगे। इसके बाद वह 9 और 10 जुलाई को ऑस्ट्रिया की यात्रा करेंगे। यह 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी।
दोनों देशों के बीच बातचीत महत्वपूर्ण: रूस
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शनिवार को कहा कि रूस पीएम मोदी की यह यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। रूस के सरकारी वीजीटीआरके टेलीविजन चैनल के साथ एक साक्षात्कार में पेसकोव ने कहा कि मॉस्को में पीएम मोदी का कार्यक्रम व्यापक होगा और वह और पुतिन अनौपचारिक बातचीत करेंगे।
उन्होंने कहा, “जाहिर है, एजेंडा व्यापक होगा, अगर अति व्यस्तता न कहें तो। यह एक आधिकारिक यात्रा होगी और हमें उम्मीद है कि प्रमुख अनौपचारिक तरीके से भी बात कर सकेंगे।”
दोनों देशों के बीच होंगे 22वां शिखर सम्मेलन होगा
भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को कहा कि 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान, पीएम मोदी और पुतिन दोनों देशों के बीच बहुमुखी संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा करेंगे और आपसी हित के समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है। अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं।