नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा के शिकोहपुर में एक भूमि सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दूसरी बार समन जारी किया है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार, 15 अप्रैल 2025 को दी। वाड्रा को इससे पहले 8 अप्रैल को समन भेजा गया था, लेकिन वे उस समय जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे।
अब उन्हें आज, 15 अप्रैल को ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। इस मामले में उनकी कंपनी, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी, पर 3.5 एकड़ जमीन को 7.5 करोड़ रुपये में खरीदने और बाद में इसे डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेचने का आरोप है। ईडी का मानना है कि यह लेनदेन मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा हो सकता है।
वाड्रा को जांच में सहयोग करने के लिए बुलाया गया
56 वर्षीय वाड्रा को इस मामले में अपनी सफाई पेश करने और जांच में सहयोग करने के लिए बुलाया गया है। सूत्रों के अनुसार, यदि वे आज पेश होते हैं, तो उनका बयान मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जाएगा। वाड्रा पहले भी ईडी की जांच के दायरे में रहे हैं और विभिन्न मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में उनसे पूछताछ हो चुकी है। इस बार का मामला शिकोहपुर (हरियाणा) में हुए भूमि सौदे से संबंधित है, जिसमें अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई थीं।
वाड्रा ने इस समन को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया
वाड्रा ने इस समन को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया है। दिल्ली में अपने आवास से ईडी कार्यालय की ओर बढ़ते हुए उन्होंने कहा, “जब भी मैं लोगों के लिए आवाज उठाऊंगा, वे मुझे दबाने की कोशिश करेंगे। मैंने हमेशा नियमों का पालन किया है और सभी सवालों का जवाब सम्मान के साथ दूंगा।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार उनकी आवाज को दबाने के लिए इस तरह के कदम उठा रही है।
ईडी ने कहा- यह जांच कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा
कांग्रेस पार्टी और वाड्रा के परिवार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे भाजपा सरकार की “बदले की राजनीति” बताया है। दूसरी ओर, ईडी का कहना है कि यह जांच कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है और इसमें किसी भी तरह का राजनीतिक दबाव नहीं है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर वाड्रा और गांधी परिवार को सुर्खियों में ला दिया है, और आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।