नई दिल्ली। कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के गोकर्ण में रामतीर्थ पहाड़ियों की एक खतरनाक गुफा में 40 वर्षीय रूसी महिला नीना कुटिना और उनकी दो नाबालिग बेटियों प्रेमा (6 वर्ष) और अमा (4 वर्ष) को गोकर्ण पुलिस ने 9 जुलाई को खोजा। यह खोज नियमित गश्त के दौरान हुई, जो पर्यटकों की सुरक्षा और भूस्खलन की आशंका के कारण की जा रही थी।
पुलिस को गुफा के पास कपड़े सूखते दिखे, जिसके बाद जांच में नीना और उनकी बेटियों को वहां रहते पाया गया। नीना ने बताया कि वह गोवा से गोकर्ण आई थीं, जहां वह हिंदू दर्शन और आध्यात्मिक शांति की तलाश में थीं। गुफा में उन्होंने भगवान राम और रुद्र की मूर्तियां स्थापित की थीं और पूजा-ध्यान में समय बिताती थीं।
वन विभाग की संयुक्त खोज में नीना का पासपोर्ट और वीजा मिला
पुलिस और वन विभाग की संयुक्त खोज में नीना का पासपोर्ट और वीजा मिला, जिससे पता चला कि उनका बिजनेस वीजा 17 अप्रैल 2017 को समाप्त हो चुका था। नीना ने 2016 में भारत में प्रवेश किया था और 2018 में नेपाल जाने के बाद 8 सितंबर 2018 को दोबारा भारत लौटीं, जिसके बाद वह अवैध रूप से रह रही थीं।
उनकी दोनों बेटियां भारत में जन्मी थीं, लेकिन नीना ने उनके पिता की जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया। पुलिस ने बताया कि गुफा भूस्खलन और जहरीले सांपों से भरे क्षेत्र में थी, जिसके कारण यह बच्चों के लिए असुरक्षित थी।
उन्हें करवार के सरकारी महिला आश्रय केंद्र में भेजा गया
नीना और उनकी बेटियों को पहले बैंकिकोडला गांव के एक आश्रम में स्वामी योगरत्न सरस्वती की देखरेख में स्थानांतरित किया गया। बाद में, उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें करवार के सरकारी महिला आश्रय केंद्र में भेजा गया। उत्तर कन्नड़ के पुलिस अधीक्षक एम. नारायण ने बताया कि बेंगलुरु के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के साथ प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
रूसी दूतावास को सूचित किया गया है और नीना को जल्द बेंगलुरु ले जाया जाएगा। नीना ने दावा किया कि वह और उनकी बेटियां प्रकृति में रहने की आदी थीं और उन्हें कोई खतरा नहीं था, लेकिन पुलिस ने उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी।