नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयानक आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई, लेकिन केरल के एक परिवार की कहानी चमत्कार से कम नहीं है। कोट्टायम के रहने वाले जॉन थॉमस, उनकी पत्नी स्मिता, और उनके दो बच्चों ने अनजाने में एक छोटी सी घटना की वजह से अपनी जान बचा ली। यह घटना थी- होटल में परोसे गए नमकीन मटन रोगन जोश की शिकायत की।
जॉन और उनका परिवार पहलगाम के बाइसरण मीडो में पिकनिक के लिए जाने की योजना बना रहा था, जहां हमला हुआ। दोपहर के भोजन के लिए उन्होंने अपने होटल में मटन रोगन जोश ऑर्डर किया, लेकिन खाना इतना नमकीन था कि परिवार ने इसे खाने से इनकार कर दिया। जॉन ने होटल स्टाफ से तीखी बहस की और नया खाना तैयार करने को कहा। इस प्रक्रिया में करीब 45 मिनट की देरी हो गई, जिसके चलते परिवार तय समय पर पिकनिक स्थल तक नहीं पहुंच सका।
शायद भगवान ने बचाने के लिए यह सब किया: जॉन
जॉन ने बताया, “हम नाराज थे कि खाना खराब था, लेकिन अब लगता है कि भगवान ने हमें बचाने के लिए यह सब करवाया। अगर हम समय पर निकल जाते, तो शायद हम भी उस हमले का शिकार हो जाते।” जिस समय हमला हुआ, जॉन का परिवार होटल में ही था, और उन्हें टीवी पर हमले की खबर मिली। बाइसरण मीडो में आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें ज्यादातर पर्यटक मारे गए।
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली। हमले की खबर सुनकर जॉन और स्मिता सदमे में थे। स्मिता ने कहा, “हमारे बच्चे अभी भी डरे हुए हैं। हमने तुरंत होटल छोड़ने और श्रीनगर लौटने का फैसला किया।” परिवार अब सुरक्षित कोट्टायम लौट चुका है।
पुलिस और सेना ने तलाशी अभियान शुरू की
यह हमला कश्मीर में पर्यटन पर बड़ा आघात है। पुलिस और सेना ने क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। जॉन ने कहा, “हम फिर से कश्मीर आएंगे, लेकिन अभी यह दुखद अनुभव भूलना मुश्किल है।” इस अनोखी कहानी ने सोशल मीडिया पर भी चर्चा बटोरी, जहां लोग इसे “नमक की ताकत” कहकर मजाक कर रहे हैं।