नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल के महान खिलाड़ी सुनील छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय संन्यास से वापसी करने का निर्णय लिया है। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) ने 6 मार्च 2025 को इस बात की पुष्टि की कि 40 वर्षीय छेत्री मार्च में होने वाले फीफा अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए भारतीय राष्ट्रीय टीम में शामिल होंगे।
संन्यास और वापसी का निर्णय
सुनील छेत्री ने जून 2024 में कुवैत के खिलाफ कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलकर संन्यास की घोषणा की थी। उनकी अनुपस्थिति में भारतीय टीम को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे टीम में एक अनुभवी स्ट्राइकर की कमी महसूस हुई। इन परिस्थितियों को देखते हुए, छेत्री ने राष्ट्रीय टीम की मदद के लिए संन्यास से वापसी का फैसला किया है।
आगामी मैच और तैयारियां
भारतीय टीम मार्च 2025 में फीफा अंतरराष्ट्रीय विंडो के दौरान दो महत्वपूर्ण मैच खेलेगी:
– 19 मार्च: मालदीव के खिलाफ मैत्री मैच
– 25 मार्च: एएफसी एशियाई कप के तीसरे दौर में बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबला
दोनों मैच मेघालय के शिलांग स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित होंगे। छेत्री की वापसी से टीम की आक्रमण क्षमता में वृद्धि की उम्मीद है, जो इन महत्वपूर्ण मैचों में निर्णायक साबित हो सकती है।
करियर की उपलब्धियां
सुनील छेत्री का करियर उपलब्धियों से भरा रहा है:
- अंतरराष्ट्रीय गोल: 94 गोल, जो उन्हें क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी के बाद सक्रिय खिलाड़ियों में तीसरे स्थान पर रखता है।
- पुरस्कार: 2011 में अर्जुन पुरस्कार, 2019 में पद्मश्री, और 2021 में खेल रत्न से सम्मानित।
- टीम योगदान: भारत को 2007, 2009, 2012 में नेहरू कप और 2011, 2015, 2021, 2023 में SAFF चैंपियनशिप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वापसी का महत्व
छेत्री की वापसी से टीम को न केवल मैदान पर बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूती मिलेगी। उनका अनुभव युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा और टीम के मनोबल को बढ़ाएगा। फुटबॉल विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी उपस्थिति से भारतीय टीम आगामी मैचों में बेहतर प्रदर्शन कर सकेगी। छेत्री की इस वापसी से भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों में उत्साह की लहर है, और सभी उनकी नेतृत्व क्षमता और खेल कौशल का फिर से आनंद लेने के लिए उत्सुक हैं।