नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहा है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त को सुनवाई के दौरान इस घटना को भयानक करार दिया था और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स की स्थापना सहित कई निर्देश जारी किए थे। 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल के अंदर एक 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
22 अगस्त को कोर्ट ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में देरी के लिए कोलकाता पुलिस को फटकार लगाई थी। अदालत ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील भी की और कहा कि न्याय और चिकित्सा को रोका नहीं जा सकता। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित कर दी गई है।
अस्पताल में सुरक्षा की व्यवस्था नहीं
केंद्र सरकार ने 3 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि आरजी कर अस्पताल में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों के लिए अपर्याप्त व्यवस्था की गई थी, इसे ममता बनर्जी सरकार द्वारा असहयोग का अक्षम्य कार्य बताया गया। केंद्र ने शीर्ष अदालत से राज्य के अधिकारियों को सीआईएसएफ के साथ पूर्ण सहयोग करने का निर्देश देने की मांग की और आदेश का पालन नहीं करने पर जानबूझकर गैर-अनुपालन के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया।