भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा के बाहर बुधवार (16 जुलाई 2025) को एक छात्रा की आत्मदाह से हुई मौत के विरोध में भारी प्रदर्शन हुआ। बीजू जनता दल (बीजेडी) कार्यकर्ताओं ने बालासोर की उस 20 वर्षीय छात्रा के लिए न्याय की मांग की, जिसने यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कार्रवाई न होने से खुद को आग लगा ली थी। प्रदर्शनकारी विधानसभा तक मार्च करने की कोशिश की, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें का इस्तेमाल किया।
घटना की शुरुआत तब हुई जब छात्रा ने फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज में अपने विभागाध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया, लेकिन कॉलेज प्रशासन और पुलिस ने कथित तौर पर कार्रवाई नहीं की। परेशान होकर उसने 12 जुलाई को खुद को आग लगा ली, जिसमें 90% से अधिक जलने के बाद उसकी सोमवार रात कोमल अस्पताल में मौत हो गई। इस घटना ने राज्य भर में आक्रोश पैदा कर दिया, जिसके बाद बीजेडी ने बालासोर बंद का आह्वान किया और भुवनेश्वर में प्रदर्शन आयोजित किया।
कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया, जिसमें कई कार्यकर्ता और पुलिसकर्मी घायल हुए। बीजेडी नेता देबी प्रसाद मिश्रा ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की। दूसरी ओर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना को अमानवीय करार देते हुए पीड़िता के परिवार के साथ खड़े होने की बात कही।
पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाते हुए 80 से अधिक प्लाटून तैनात कीं और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शोक जताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस घटना ने ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा और शैक्षणिक संस्थानों की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं, जिससे राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है। प्रदर्शन अभी भी जारी है और सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।