नई दिल्ली। बिहार की सियासत में एक बार फिर बड़ा उलटफेर हुआ है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को न सिर्फ पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया, बल्कि उन्हें परिवार से भी बाहर कर दिया। इस बीच, तेजस्वी यादव ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।
25 मई को लालू प्रसाद यादव ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया। उन्होंने अपने बड़े बेटे और हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। लालू ने इसे तेज प्रताप के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और पार्टी के नैतिक मूल्यों के खिलाफ आचरण का हवाला दिया। इसके साथ ही, लालू ने तेज प्रताप को परिवार से भी बेदखल करने का ऐलान किया। यह फैसला तेज प्रताप की हालिया सोशल मीडिया पोस्ट के बाद आया, जिसमें उन्होंने अनुष्का यादव के साथ 12 साल के रिश्ते का खुलासा किया और बाद में दावा किया कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था।
हम ऐसी चीजें बर्दाश्त नहीं कर सकते: तेजस्वी यादव
इस मामले पर RJD नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हम ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम बिहार के लोगों के लिए समर्पित हैं। मेरे बड़े भाई की बात हो, तो निजी और राजनीतिक जीवन अलग है। उन्हें अपने निजी फैसले लेने का अधिकार है। वे वयस्क हैं और स्वतंत्र हैं। हमारे पार्टी प्रमुख ने अपनी बात साफ कर दी है।” तेजस्वी ने यह भी कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी मीडिया के जरिए मिली और वे निजी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते।
सोशल मीडिया पर लालू के इस कदम की हो रही सराहना
तेज प्रताप का निष्कासन बिहार की सियासत में हलचल मचा रहा है। यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव से पहले RJD की एकजुटता पर सवाल उठा सकता है। तेज प्रताप की विवादास्पद छवि पहले भी चर्चा में रही है, जैसे होली के दौरान पुलिसकर्मी को नाचने के लिए कहना और बिना हेलमेट स्कूटी चलाने का मामला। सोशल मीडिया पर कुछ लोग लालू के इस कड़े कदम की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसे पारिवारिक और सियासी ड्रामा बता रहे हैं।