नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पहले आतंकियों ने तीन प्रमुख स्थानों बैसारन घाटी, एक मनोरंजन पार्क और लिद्दर नदी के किनारे की रेकी की थी। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की जांच में पता चला कि चार आतंकियों तीन पाकिस्तानी और एक स्थानीय आतंकी आदिल ठोकर ने हमले की सावधानीपूर्वक योजना बनाई। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा की छद्म शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने अंजाम दिया, जिसका मास्टरमाइंड लश्कर कमांडर सैफुल्लाह कासूरी माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले से पहले स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर्स की मदद से इन स्थानों का जायजा लिया। बैसारन घाटी, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है, को इसकी दुर्गमता और भारी पर्यटक भीड़ के कारण चुना गया। मनोरंजन पार्क और लिद्दर नदी क्षेत्र में भीड़ और कम सुरक्षा व्यवस्था हमलावरों के लिए अनुकूल थी। आतंकियों ने कोकेरनाग के जंगलों से 20-22 घंटे की पैदल यात्रा कर बैसारन पहुंचकर हमला किया। उन्होंने दो मोबाइल फोन एक स्थानीय और एक पर्यटक का छीना, जिससे उनकी गतिविधियों का पता चला।
आदिल ठोकर पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर 2024 में भारत लौटा
हमले में तीन पाकिस्तानी आतंकी असिफ फूजी, सुल्तान शाह और अबु तल्हा और स्थानीय आतंकी आदिल ठोकर शामिल थे। ठोकर, जो 2018 में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ, 2024 में पाकिस्तान से प्रशिक्षण लेकर लौटा था। उसने स्थानीय गाइड के रूप में आतंकियों की मदद की। एनआईए ने एक स्थानीय फोटोग्राफर के वीडियो और एक सेना अधिकारी की गवाही के आधार पर हमले की समयरेखा तैयार की। आतंकियों ने एके-47 और एम4 राइफलों का इस्तेमाल किया और क्रॉसफायर रणनीति अपनाई।
हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल संधि निलंबित करना और अटारी सीमा बंद करना शामिल है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन संदिग्धों पर 60 लाख रुपये का इनाम रखा। एनआईए की जांच से पता चला कि आतंकी हमले को अंजाम देने से पहले कई दिनों तक छिपे रहे, जिससे उनकी योजना की गहराई का अंदाजा लगता है।