कौन सी हैं वो तीन अटकलें, जिसे जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे से जोड़ा जा रहा

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अचानक इस्तीफे ने सियासी हलकों में तहलका मचा दिया। 74 वर्षीय धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, लेकिन इसकी टाइमिंग और परिस्थितियों ने कई अटकलों को जन्म दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस्तीफा मंजूर कर लिया और इसे गृह मंत्रालय को भेज दिया गया। यहां धनखड़ के इस्तीफे को लेकर चल रही तीन प्रमुख अटकलें हैं।

पहली अटकल: जस्टिस वर्मा के महाभियोग प्रस्ताव में विवाद

धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के 63 सांसदों के महाभियोग नोटिस को स्वीकार किया था। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस मुद्दे पर आम सहमति बनाना चाहती थी, लेकिन धनखड़ के बिना परामर्श के नोटिस स्वीकार करने से केंद्र नाराज था। कुछ का दावा है कि इसने उनके इस्तीफे को प्रेरित किया, ताकि सरकार समर्थित अविश्वास प्रस्ताव से बचा जा सके।

दूसरी अटकल: बीजेपी के आंतरिक समीकरण और नीतीश कुमार की भूमिका

एक्स पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि धनखड़ का इस्तीफा बीजेपी के आंतरिक सियासी बदलावों का हिस्सा हो सकता है। बिहार में एनडीए की रणनीति के तहत जेडीयू नेता नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाए जाने की चर्चा है। धनखड़ की अनुपस्थिति में डिप्टी चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह, जो जेडीयू से हैं, राज्यसभा की कार्यवाही संभाल रहे हैं, जिससे यह अटकल बलवती हुई।

तीसरी अटकल: मंत्रियों की अनुपस्थिति से नाराजगी

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि धनखड़ ने सोमवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक बुलाई थी, जिसमें जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू शामिल नहीं हुए। उनकी अनुपस्थिति से धनखड़ नाराज थे, जिसे इस्तीफे का एक कारण माना जा रहा है।

विपक्षी नेताओं ने इन अटकलों को गहरे कारणों से जोड़ा, जबकि बीजेपी ने चुप्पी साध रखी है। धनखड़ के इस्तीफे ने अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव पर सबकी नजरें टिका दी हैं।

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