आज है राष्ट्रीय एकता दिवस, जानें कब से और क्यों इसे मनाने की हुई शुरुआत

नई दिल्ली। भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस हर वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में समर्पित है, जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद भारत को एक संगठित राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी इस महत्त्वपूर्ण भूमिका के सम्मान में 2014 में भारत सरकार ने 31 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की। इस दिन का उद्देश्य लोगों में राष्ट्रीय एकता, अखंडता और समरसता की भावना को मजबूत करना है।

सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत का ‘लौह पुरुष’ कहा जाता है। स्वतंत्रता के समय देश में 565 से अधिक रियासतें थीं, जो स्वतंत्र रूप से शासन कर रही थीं। ऐसे में भारतीय उपमहाद्वीप को एक संगठित राष्ट्र बनाना एक कठिन कार्य था। भारत को इन सभी रियासतों को एक साथ जोड़कर एक मजबूत राष्ट्र बनाना था ताकि देश में शांति और अखंडता स्थापित हो सके। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को सरदार पटेल ने अपनी कूटनीति, समझ और दृढ़ निश्चय से सफलतापूर्वक पूरा किया। उनकी इस अद्वितीय भूमिका के कारण आज भारत एक एकीकृत और संगठित राष्ट्र के रूप में विश्व के सामने खड़ा है।

2014 में पीएम मोदी ने की थी घोषणा

2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इसका उद्देश्य सिर्फ सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देना नहीं है, बल्कि लोगों में राष्ट्रीय एकता की भावना को प्रोत्साहित करना है। यह दिन भारतीय नागरिकों के लिए एक संदेश है कि हमें अपने देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए तत्पर रहना चाहिए। इस दिन विशेष रूप से ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों लोग हिस्सा लेते हैं और देश की एकता का संदेश देते हैं।

भारत एक विविधताओं से भरा हुआ देश है, जहां अनेकता में एकता का सुंदर मिश्रण है। हमारे यहां विभिन्न भाषाएं, धर्म, परंपराएं, और सांस्कृतिक विशेषताएं हैं, जो देश की समृद्धि को बढ़ाती हैं। इस विविधता को बनाए रखना और साथ ही एकजुट रहना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य इस विविधता को सम्मान देना और देश की अखंडता को बनाए रखना है। यह दिन लोगों को याद दिलाता है कि हमारी विविधता ही हमारी शक्ति है, और इस विविधता में ही हमारे देश की एकता निहित है।

एकता दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित

राष्ट्रीय एकता दिवस पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में निबंध प्रतियोगिताओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भाषणों का आयोजन किया जाता है, ताकि नई पीढ़ी में भी एकता का महत्व जागरूक हो। साथ ही, भारत सरकार इस दिन सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास भी कार्यक्रम आयोजित करती है, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है और भारत की एकता का प्रतीक है।

आज के समय में, जब समाज में विभिन्न मुद्दों को लेकर मतभेद बढ़ रहे हैं, राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें जाति, धर्म, क्षेत्रीयता, और भाषा के भेदभाव से ऊपर उठकर देश की अखंडता को बनाए रखना चाहिए। सरदार पटेल के आदर्शों का अनुसरण करते हुए, हम एक मजबूत और सशक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।

अतः राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व हमारे देश की अखंडता को बनाए रखने में है। यह दिन सिर्फ सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देने का एक अवसर नहीं, बल्कि एक संदेश है कि हमें एकजुट रहकर देश के विकास और समृद्धि में योगदान देना चाहिए।

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