नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विपक्ष के हंगामे के बीच जोरदार भाषण दिया। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दावे का जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान और चीन का गठजोड़ कांग्रेस शासन की नीतियों का नतीजा है। जयशंकर ने कांग्रेस के ‘चीन प्रेम’ पर तंज कसते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने चीन को रणनीतिक साझेदार बनाया और पाकिस्तान-चीन के गठजोड़ को नजरअंदाज किया।
जयशंकर ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश पर ‘चाइना गुरु’ कहकर कटाक्ष किया और उनके ‘चिंदिया’ शब्द की आलोचना की। उन्होंने कहा, “कुछ लोगों ने ओलंपिक के दौरान चीन की जानकारी हासिल की, लेकिन मैंने 41 साल विदेश सेवा में बिताए।” जयशंकर ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, जो 2017 के डोकलाम संकट के दौरान चीनी राजदूत से मिले थे। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान-चीन का गठजोड़ कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह कहना कि यह रातोंरात हुआ, इतिहास की अनदेखी है।”
भारत और चीन मिलकर चुनौतियों का सामना कर सकते हैं
जयराम रमेश ने 2014 में ‘चिंदिया’ की अवधारणा को दोहराते हुए कहा था कि भारत और चीन मिलकर चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। दूसरी ओर, राहुल गांधी ने सत्र में दावा किया कि भारत ने पाकिस्तान से लड़ने की सोची, लेकिन वास्तव में वह चीन से मुकाबला कर रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी सबसे बड़ी विदेश नीति चुनौती पाकिस्तान और चीन को अलग रखना थी, लेकिन हम असफल रहे। सरकार को लगा कि वह पाकिस्तान से लड़ रही है, लेकिन वह पाकिस्तान और चीन दोनों से जूझ रही थी।”
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि सरकार इस गठजोड़ से निपट रही है और ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को पहले ही चेतावनी दी गई थी कि हमारा लक्ष्य केवल आतंकी ढांचा है। यह चर्चा संसद में गर्मागरम रही, जिसमें विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखी गई।