नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने संघर्षविराम को लेकर बातचीत शुरू करने का फैसला किया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उनके आधिकारिक आवास पर हुई एक महत्वपूर्ण सुरक्षा बैठक के बाद लिया गया। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेना प्रमुख (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) मौजूद थे।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा बैठक
पीएम मोदी के आवास पर आयोजित इस उच्चस्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हाल के संघर्षविराम उल्लंघन और भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति पर चर्चा हुई। यह बैठक शनिवार देर रात भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए हुए समझौते के बाद हुई, जिसका उल्लंघन पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों बाद किया था। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदमों पर विचार-विमर्श किया गया।
अलग बैठक
मुख्य बैठक के तुरंत बाद, पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और वायुसेना प्रमुख एपी सिंह के साथ एक अलग बैठक की। इस बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय वायुसेना की तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया गया, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में सीमा पर भविष्य की रणनीतियों और सैन्य तैयारियों पर गहन चर्चा हुई।
हवाई क्षेत्र खुला
भारतीय वायुसेना ने 32 हवाई अड्डों के लिए जारी नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) को वापस ले लिया है, जिसके बाद भारतीय हवाई क्षेत्र अब पूरी तरह से वाणिज्यिक उड़ानों के लिए खोल दिया गया है। इस कदम से हवाई यातायात की भीड़ कम होने और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों को राहत मिलने की उम्मीद है। यह फैसला सामान्य स्थिति बहाल होने का संकेत देता है।
आगे की राह
भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों की बातचीत से दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की उम्मीद है। विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने कहा कि भारत की कार्रवाइयां आतंकवाद के खिलाफ हैं, न कि युद्ध शुरू करने के लिए। रविवार रात तक, एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति बनी रही।