नई दिल्ली। संसद की लोक लेखा समिति (PAC) की मंगलवार को आयोजित बैठक में अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे और विमानन सुरक्षा पर गहन चर्चा हुई। यह बैठक हवाई अड्डों पर शुल्क से संबंधित थी, लेकिन सांसदों ने 12 जून 2025 को हुए हादसे पर सवाल उठाए, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई थी। PAC ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय, DGCA, AAI, BCAS और एयर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन सहित इंडिगो और अकासा एयर के अधिकारियों से जवाब मांगा।
सांसदों ने हादसे की जांच के लिए ब्लैक बॉक्स विश्लेषण की समयसीमा पर स्पष्टता मांगी। उन्होंने ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) के ऑडिट की मांग की और पूछा कि जांच समिति में कौन-कौन शामिल हैं। हादसे में लंदन जाने वाली एयर इंडिया की बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ान भरने के एक मिनट बाद मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 241 यात्री और 29 लोग मारे गए थे।
सांसदों ने इस ‘लूट’ पर नाराजगी जताई और DGCA से जवाब मांगा
बैठक में श्रीनगर में 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद हवाई किराए में भारी वृद्धि का मुद्दा भी उठा। हमले के बाद श्रीनगर से दिल्ली के इकोनॉमी टिकट का किराया 7,000-8,000 रुपये से बढ़कर 65,000 रुपये हो गया था। सांसदों ने इस ‘लूट’ पर नाराजगी जताई और DGCA से जवाब मांगा। मार्च 2025 में एक संसदीय समिति ने DGCA के बजट, जो कुल विमानन बजट का आधा है, की जांच की जरूरत बताई थी।
सूत्रों के मुताबिक, हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। इसमें ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर के डेटा का विश्लेषण शामिल है। नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) भी जांच में सहयोग कर रहा है।। यह हादसा भारत में हाल के दशकों में सबसे घातक था, और विमानन उद्योग जवाब का इंतजार कर रहा है।