नई दिल्ली। तुर्की सरकार ने उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का रखरखाव तुर्की टेक्निक ने किया था। 12 जून को फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे जा रही थी, टेकऑफ के पांच मिनट बाद मेघानीनगर में एक मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे।
तुर्की के डिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट सेंटर ने X पर बयान जारी कर कहा, “यह दावा पूरी तरह गलत है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का रखरखाव तुर्की टेक्निक ने किया। हम इस दुखद हादसे में भारत के लोगों के दुख में शामिल हैं।” यह बयान तब आया, जब तुर्की की एक कंपनी, सिलेबी ग्राउंड हैंडलिंग, को राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर मई में भारत के नौ हवाई अड्डों से सुरक्षा मंजूरी रद्द होने के बाद विवादों में घिर गई थी।
2024 में बोइंग इंजीनियर सैम सालेहपुर ने दी थी चेतावनी
हादसे की जांच में इंजन, फ्लैप्स और लैंडिंग गियर पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। डीजीसीए ने एयर इंडिया को बोइंग 787-8/9 फ्लीट पर अतिरिक्त रखरखाव जांच, जैसे टेकऑफ मापदंडों की एकमुश्त जांच और इंजन पावर टेस्ट, करने का आदेश दिया है। 2024 में बोइंग इंजीनियर सैम सालेहपुर ने ड्रीमलाइनर के फ्यूजलेज जोड़ों में खामियों की चेतावनी दी थी, लेकिन अभी तक इसका हादसे से कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया।
तुर्की ने कहा कि एयर इंडिया के साथ उसके रखरखाव समझौते में केवल बोइंग 777 विमान शामिल हैं। उसने कहा कि अहमदाबाद दुर्घटना में शामिल 787-8 मॉडल शामिल नहीं है, जिसमें 270 लोग मारे गए थे।