जयपुर। राजस्थन में उदयपुर के पैसिफिक डेंटल कॉलेज में अंतिम वर्ष की बीडीएस छात्रा, 25 वर्षीय श्वेता सिंह ने गुरुवार रात अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जम्मू-कश्मीर के एक पुलिस कॉन्स्टेबल की इकलौती बेटी श्वेता की रूममेट ने रात करीब 11 बजे उन्हें फंदे पर लटके देखा और तुरंत हॉस्टल प्रशासन व पुलिस को सूचना दी। अस्पताल ले जाने पर श्वेता को मृत घोषित कर दिया गया।
कमरे से मिले हस्तलिखित सुसाइड नोट में श्वेता ने कॉलेज स्टाफ, विशेष रूप से दो शिक्षकों, माही मैम और भगवत सर पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। नोट में परीक्षा में जानबूझकर देरी, मनमाना अंकन और बार-बार पैसे की मांग का जिक्र था। श्वेता ने लिखा, “जो पैसे नहीं दे पाते, उन्हें प्रशासन निशाना बनाता है। हमारे बैचमेट्स इंटर्न बन चुके हैं, लेकिन हम अंतिम वर्ष में अटके हैं।”
सैकड़ों छात्रों ने कॉलेज के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया
घटना के बाद शुक्रवार सुबह सैकड़ों छात्रों ने कॉलेज के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया, नारेबाजी की और धरना देकर दोषी स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की उपस्थिति और परीक्षा संबंधी दबाव नीति ने श्वेता को यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर किया। एक वायरल वीडियो में छात्र कॉलेज गेट पर नारे लगाते और सड़क जाम करते दिखे। सुखेर पुलिस ने प्रदर्शन को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन छात्र न्याय की मांग पर अड़े रहे।
पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर जांच शुरू की और नामित शिक्षकों से पूछताछ जारी है। कॉलेज के चेयरमैन राहुल अग्रवाल ने शिकायतों को स्वीकार करते हुए समाधान का वादा किया। श्वेता के पिता के पहुंचने के बाद पोस्टमॉर्टम और एफआईआर दर्ज होगी। यह घटना मेडिकल कॉलेजों में मानसिक स्वास्थ्य और प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाती है।