नई दिल्ली। अवैध भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित करने के अमानवीय तरीके पर संसद में विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में जवाब दिया है। उन्होंने बताया कि डिपोर्टशन अमेरिका की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का हिस्सा था। कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल सहित कई विपक्षी सांसदों ने भारतीय निर्वासित लोगों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए संसद परिसर में हथकड़ी पहनकर विरोध प्रदर्शन किया।
राज्यसभा में बोलते हुए जयशंकर ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि भारत यह सुनिश्चित करने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन से बातचीत कर रहा है कि लौटने वाले निर्वासित लोगों के साथ किसी भी तरह से दुर्व्यवहार न किया जाए। इस बात की पुष्टि करते हुए कि पुरुष निर्वासितों को हथकड़ी लगाई गई थी और जंजीरों से बांध दिया गया था। जयशंकर ने कहा कि महिलाओं और बच्चों को रोका नहीं गया था।
USBP and partners successfully returned illegal aliens to India, marking the farthest deportation flight yet using military transport. This mission underscores our commitment to enforcing immigration laws and ensuring swift removals.
If you cross illegally, you will be removed. pic.twitter.com/WW4OWYzWOf
— Chief Michael W. Banks (@USBPChief) February 5, 2025
विमान द्वारा निर्वासन एसओपी 2012 से प्रभावी
जयशंकर ने कहा, “अमेरिका द्वारा निर्वासन आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) द्वारा आयोजित और क्रियान्वित किया जाता है। विमान द्वारा निर्वासन के लिए एसओपी, 2012 से प्रभावी है। हमें आईसीई द्वारा सूचित किया गया है कि महिलाओं और बच्चों को रोका नहीं जाता है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 10 घंटे की उड़ान के दौरान निर्वासित लोगों को भोजन और दवा दी गई। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का ध्यान अवैध आव्रजन पर कड़ी कार्रवाई करने पर होना चाहिए।
104 भारतीयों को लेकर अमृतसर उतरा विमान
उन्होंने कहा, “टॉयलेट ब्रेक के दौरान, जरूरत पड़ने पर निर्वासित लोगों को अस्थायी रूप से रोक दिया जाता है। यह चार्टर्ड नागरिक विमानों के साथ-साथ सैन्य विमानों पर भी लागू होता है और पिछली प्रक्रियाओं में कोई बदलाव नहीं हुआ है।” अवैध अप्रवासियों के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप की कार्रवाई के तहत बुधवार को 104 भारतीय नागरिकों को लेकर अमेरिकी वायु सेना का एक विमान अमृतसर में उतरा। अधिकांश निर्वासित लोग पंजाब, हरियाणा और गुजरात से थे।
भारतीय नागरिकों ने दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ी पहनाई गई और उनके पैर जंजीरों से बंधे रहे। अमेरिकी सीमा गश्ती (यूएसबीपी) प्रमुख माइकल बैंक्स ने एक वीडियो भी जारी किया जिसमें भारतीय नागरिकों को विमान में चढ़ते समय संयम बरतते हुए दिखाया गया है।