नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में अंतरिम जमानत की अवधि 7 दिन बढ़ाने की मांग करने वाले अरविंद केजरीवाल के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा। अदालत ने पिछले महीने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी थी और उन्हें मतदान के अंतिम चरण के एक दिन बाद 2 जून को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था।
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की छूट दी गई है और इसलिए यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। केजरीवाल ने चिकित्सा आधार पर जमानत विस्तार की मांग की थी और अदालत से आज तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था।
केजरीवाल की चिकित्सा जांच जरूरी: सिंघवी
केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका में कहा, “स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं और बढ़ते जोखिम के संकेतों को देखते हुए जेल की सजा के दौरान उन्हें संभावित दीर्घकालिक नुकसान से बचाने के लिए एक चिकित्सा जांच आवश्यक है।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि जमानत पर बाहर रहने के दौरान आप नेता सार्वजनिक रूप से दृश्यमान और उपलब्ध रहेंगे।
21 दिन की मिली अंतरिम जमानत
सिंघवी ने कहा, “कानूनी प्रक्रिया से भागने का कोई जोखिम नहीं है और (अंतरिम जमानत के लिए) सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन किया गया है।” शीर्ष अदालत ने 10 मई को मुख्यमंत्री को 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी, जिन्हें आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था, ताकि वह लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर सकें।