सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर सुनवाई, AIMPLB ने केंद्र के हलफनामे को बताया गलत

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज, 5 मई को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। इस कानून को संसद ने अप्रैल में पारित किया था और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को इसे मंजूरी दी थी।

केंद्र सरकार ने 1,332 पेज के प्रारंभिक हलफनामे में इस कानून का बचाव करते हुए कहा कि यह संवैधानिक है और इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना है। हालांकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने केंद्र के हलफनामे को गलत और भ्रामक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

वक्फ संपत्तियों में 116% की चौंकाने वाली वृद्धि

केंद्र ने अपने हलफनामे में दावा किया कि 2013 के संशोधन के बाद वक्फ संपत्तियों में 116% की चौंकाने वाली वृद्धि हुई, जिसमें 20.9 लाख एकड़ जमीन जुड़ी, जिससे कुल वक्फ संपत्ति 39.2 लाख एकड़ हो गई। AIMPLB ने इसे आंकड़ों की हेराफेरी करार दिया और कहा कि वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (WAMSI) पोर्टल पर 2013 से पहले की सभी संपत्तियां तुरंत अपलोड नहीं हुई थीं। बोर्ड ने इस दावे को निराधार और अपमानजनक बताया।

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की याचिका भी शामिल

सुप्रीम कोर्ट ने 150 से अधिक याचिकाओं में से पांच प्रमुख याचिकाओं को चुना है, जिनमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की याचिका भी शामिल है। कोर्ट यह तय करेगा कि क्या इस कानून पर अंतरिम रोक लगाई जाए। केंद्र ने 17 अप्रैल को आश्वासन दिया था कि वह 5 मई तक वक्फ संपत्तियों को डिनोटिफाई नहीं करेगा, न ही केंद्रीय वक्फ परिषद या बोर्डों में नियुक्तियां करेगा।

छह भाजपा शासित राज्यों ने कानून का समर्थन किया

AIMPLB ने कानून को धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति के अधिकारों के खिलाफ बताया है। इसने 30 अप्रैल को लाइट्स ऑफ विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किया। छह भाजपा शासित राज्यों ने कानून का समर्थन किया है, जबकि केरल ने विरोध किया है। सुनवाई का परिणाम वक्फ प्रबंधन और धार्मिक स्वायत्तता पर दूरगामी प्रभाव डाल सकता है।

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