नई दिल्ली। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने लंदन के चैथम हाउस में कहा कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि भारत में शरण ले चुकीं बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना को बांग्लादेशी जनता को संबोधित करने से रोका जाए। यूनुस ने बताया कि हसीना के सोशल मीडिया बयान बांग्लादेश में गुस्सा भड़काते हैं। PM मोदी ने जवाब दिया, “यह सोशल मीडिया है, इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता।”
यूनुस ने अप्रैल 2025 में बैंकॉक में BIMSTEC समिट के दौरान PM मोदी से मुलाकात के हवाले से कहा, “मैंने कहा, आप हसीना को शरण देना चाहते हैं, मैं इसे रोक नहीं सकता, लेकिन कृपया उनके बयानों पर रोक लगाएं।” उन्होंने बताया कि हसीना की घोषणाएं, जैसे कि अमुक दिन और समय पर बोलना, बांग्लादेश में तनाव बढ़ाती हैं। यूनुस ने पूछा कि क्या भारत उनकी अपील मान रहा है, तो जवाब था, “नहीं।”
बांग्लादेश ने भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की
बांग्लादेश ने भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है, क्योंकि 2024 के छात्र आंदोलनों के दौरान दमन से जुड़े सामूहिक हत्या के आरोप में अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (ICT) ने उन्हें अभियुक्त बनाया है। हसीना अगस्त 2024 में आंदोलनों के बाद भारत भाग गई थीं। उनकी पार्टी, अवामी लीग, मई 2025 में बैन हो चुकी है। यूनुस ने कहा कि भारत के कुछ मीडिया में फैल रही ‘फर्जी खबरें’ बांग्लादेश में गुस्सा बढ़ाती हैं, जिनका कथित तौर पर भारत के शीर्ष नीति निर्माताओं से संबंध है।
यूनुस ने भारत के साथ मजबूत रिश्ते की इच्छा जताई
यूनुस ने भारत के साथ मजबूत रिश्ते की इच्छा जताई, लेकिन कहा कि गलत सूचनाएं इसे मुश्किल बनाती हैं। उन्होंने अप्रैल 2026 में राष्ट्रीय चुनाव की घोषणा की और कहा कि वे सत्ता में नहीं रहेंगे। भारत ने अभी तक प्रत्यर्पण पर कोई जवाब नहीं दिया। यूनुस ने इसे “विस्फोटक स्थिति” बताया, जिसे सोशल मीडिया का हवाला देकर टाला नहीं जा सकता। यह मामला दोनों देशों के बीच तनाव को उजागर करता है।