छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए, भारी मात्रा में हथियार बरामद

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई एक भीषण मुठभेड़ में कम से कम 16 नक्सली मारे गए। यह घटना सुकमा-दंतेवाड़ा सीमा पर उपमपल्ली केरलापाल क्षेत्र के जंगल में हुई, जहां शुक्रवार रात से शुरू हुई एक संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान के दौरान दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई।

सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण के अनुसार, शनिवार सुबह से जारी इस मुठभेड़ में दो जवान भी मामूली रूप से घायल हुए हैं। सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से नक्सलियों के 16 शव बरामद किए हैं, साथ ही भारी मात्रा में हथियार, जिसमें एके-47, एसएलआर, इंसास राइफल, रॉकेट लॉन्चर और विस्फोटक सामग्री शामिल हैं, जब्त किए गए हैं।

यह अभियान जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम द्वारा चलाया गया था, जो नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया था।

बस्तर क्षेत्र एक प्रमुख नक्सल प्रभावित जिला

बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि घायल जवानों की हालत स्थिर है और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। मुठभेड़ अभी भी जारी है और इलाके में सर्च ऑपरेशन चल रहा है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। सुकमा, बस्तर क्षेत्र का एक प्रमुख नक्सल प्रभावित जिला है, जहां अक्सर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।

नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ

इस साल छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ अभियानों में तेजी आई है। अब तक 257 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं, 861 गिरफ्तार हुए हैं और 789 ने आत्मसमर्पण किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में दावा किया था कि 2026 तक राज्य से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। इस मुठभेड़ को इसी दिशा में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। सुरक्षा बलों का कहना है कि नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है और वे जंगल में अपने घायलों को ले जाने की कोशिश कर रहे थे।

शांति और विकास के लगातार प्रयास हो रहे

यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब एक दिन पहले नारायणपुर जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए एक आईईडी विस्फोट में एक जवान घायल हो गया था। छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा बल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस मुठभेड़ ने एक बार फिर नक्सल समस्या की गंभीरता को उजागर किया है, साथ ही सुरक्षा बलों की तैयारियों को भी सामने लाया है।

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