नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के तहत हिंदुत्व आइकन वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज की आधारशिला रखे जाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच घमासान हो गया है। पीएम मोदी ने इस कॉलेज की आधारशिला शुक्रवार को रखी। वहीं, कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने मांग की है कि कॉलेज का नाम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाए, जिनका पिछले हफ्ते निधन हो गया। वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर प्रतिष्ठित हस्तियों को अपमानित करने का आरोप लगाया है।
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में शिक्षा में मनमोहन सिंह के योगदान पर प्रकाश डाला और अनुरोध किया कि कॉलेज का नाम सावरकर के नाम पर नहीं बल्कि डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर किया जाए। इससे उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग
एनएसयूआई ने कहा, “मनमोहन सिंह ने आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे कई संस्थानों की स्थापना की और केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम पेश किया। उनके नाम पर संस्थानों का नामकरण कई पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और उनकी परिवर्तनकारी दृष्टि का सम्मान करेगा।” एनएसयूआई ने मनमोहन सिंह के नाम पर एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की भी मांग की, जिनके अभूतपूर्व सुधारों ने 1991 में अर्थव्यवस्था को उदार बनाया था।
नजफगढ़ में 140 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वीर सावरकर कॉलेज का निर्माण किया जाएगा। इस निर्णय को 2021 में दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया था।
कांग्रेस नेताओं ने फिर से विचार करने को कहा
कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन और सुखजिंदर रंधावा ने भी अंग्रेजों के लिए दया याचिका लिखनेवाले सावरकर का महिमामंडन करने के लिए भाजपा पर निशाना साधा। रंधावा ने कहा, “प्रधानमंत्री को फिर से सोचना चाहिए। सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी। उनके नाम पर किसी कॉलेज का नाम कैसे रखा जा सकता है?”