नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी को बदनाम करने के लिए हरियाणा द्वारा दिल्ली की आधी आबादी को जहरीले यमुना जल के कारण प्यासे रहने के लिए मजबूर करने की राजनीतिक साजिश रची गई है। केजरीवाल ने यह टिप्पणी वहां का दौरा करने के बाद की।
चुनाव आयोग के कार्यालय ने उनके जहर मिलानेवाली टिप्पणी पर केजरीवाल को नोटिस जारी कर अपनी प्रतिक्रिया दी। चुनाव आयोग कार्यालय के दौरे के दौरान केजरीवाल के साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और उनके पंजाब समकक्ष भगवंत मान भी थे। पत्रकारों से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि यमुना में अमोनिया का स्तर 26-27 जनवरी से 7 पीपीएम था। अब यह घटकर 2.1 पीपीएम हो गया है।
हरियाणा सरकार ने रची थी साजिश
उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट है कि भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ाने की साजिश रची थी। आतिशी ने दिसंबर में ही देखा था कि यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ना शुरू हो गया था। उन्होंने और पंजाब के मुख्यमंत्री ने इससे निपटने के लिए कई प्रयास किए।” चुनाव आयोग को दिए अपने जवाब में, केजरीवाल ने कहा कि यमुना के पानी में अमोनिया के उच्च स्तर को ‘जहर’ की प्रकृति के रूप में पाया गया था और इसका पता दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) और अन्य अधिकारियों द्वारा लगाया गया था।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर निशाना साधते हुए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उनके आचरण ने ‘वर्तमान कार्यकाल में इस संस्था में लोगों का विश्वास पूरी तरह से खत्म कर दिया है।’
27 जनवरी को केजरीवाल ने उठाया था मुद्दा
बता दें कि 27 जनवरी को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की तरफ से दिल्ली को उपलब्ध कराए जा रहे पानी की खराब गुणवत्ता का मुद्दा उठाया था। केजरीवाल ने कहा था कि लोगों को पानी से वंचित रखना सबसे बड़ा पाप है। भाजपा अपनी गंदी राजनीति से दिल्ली की जनता को प्यासा छोड़ना चाह रही है। वे हरियाणा से भेजे जा रहे पानी में जहर मिला रहे हैं।