नई दिल्ली। भारत में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सेवा में तकनीकी खराबी के कारण देशभर के लाखों यूजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ा। यह समस्या बुधवार शाम करीब 7 बजे शुरू हुई, जब पेटीएम, गूगल पे और फोनपे जैसे लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म्स पर लेनदेन विफल होने की शिकायतें सामने आईं।
डाउनडिटेक्टर के अनुसार, शाम 7:50 बजे तक यूपीआई से जुड़ी 2,750 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। गूगल पे यूजर्स ने 72% मामलों में भुगतान असफल होने की बात कही, जबकि पेटीएम यूजर्स ने 86% भुगतान संबंधी समस्याएं रिपोर्ट कीं। इसके अलावा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) जैसे बैंकों के यूजर्स ने भी फंड ट्रांसफर और ऑनलाइन बैंकिंग में दिक्कतों का उल्लेख किया।
लोगों ने सोशल मीडिया पर जाहिर की नाराजगी
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अपनी नाराजगी जाहिर की। एक यूजर ने लिखा, “यूपीआई डाउन है, गूगल पे और फोनपे काम नहीं कर रहे, क्या यह तकनीकी गड़बड़ी है या कुछ और?” कई लोगों ने लेनदेन के असफल होने के स्क्रीनशॉट साझा किए। यह खराबी उस समय हुई जब भारत में डिजिटल भुगतान अपनी चरम सीमा पर है, जिसमें यूपीआई रोजाना करोड़ों लेनदेन को संभालता है।
एनसपीसीआई ने कहा- खराबी ठीक कर ली गई
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) यूपीआई का संचालन करता है। इसने शुरू में इस समस्या पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया, जिससे यूजर्स के बीच असमंजस बढ़ गया। हालांकि, रात 9 बजे के बाद एनपीसीआई ने घोषणा की कि तकनीकी खराबी को ठीक कर लिया गया है और सेवाएं बहाल हो गई हैं।
सर्वर ओवरलोड या सऑप्टवेयर अपडेट के कारण हुई समस्या
एनपीसीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, “कुछ बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं के साथ तकनीकी समस्या थी, जिसे जल्द से जल्द हल कर लिया गया। हम असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हैं।” इस दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि यह गड़बड़ी संभवतः सर्वर ओवरलोड या सॉफ्टवेयर अपडेट के कारण हुई हो सकती है। इस घटना ने डिजिटल भुगतान पर बढ़ती निर्भरता और इसके बुनियादी ढांचे की मजबूती पर सवाल उठाए।
बैकअप सिस्टम मजबूत करने की दी गई सलाह
हालांकि सेवा बहाल हो गई, लेकिन यूजर्स ने सुझाव दिया कि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए बैकअप सिस्टम मजबूत करना चाहिए। यह घटना भारत के डिजिटल इंडिया अभियान के लिए एक सबक हो सकती है, जहां यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बन चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एनपीसीआई को ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयार रहना होगा, ताकि भविष्य में यूजर्स को परेशानी न हो।