नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक व्यापार पर बड़े स्तर पर नए टैरिफ की घोषणा की, जिसमें भारत पर 26% और चीन पर 34% का आयात शुल्क शामिल है। व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से ‘मेक अमेरिका वेल्थी अगेन’ कार्यक्रम में बोलते हुए ट्रंप ने इसे ‘आर्थिक स्वतंत्रता की घोषणा’ करार दिया। उन्होंने कहा कि ये ‘रिसीप्रोकल टैरिफ’ उन देशों के खिलाफ हैं जो अमेरिकी वस्तुओं पर ऊंचे शुल्क लगाते हैं।
ट्रंप ने भारत पर अमेरिकी उत्पादों पर 52% टैरिफ लगाने का आरोप लगाया और इसे ‘बहुत सख्त’ बताया, लेकिन दयालुता दिखाते हुए भारत पर केवल आधा यानी 26% शुल्क लगाया। इसी तरह, चीन पर 67% टैरिफ के जवाब में 34% शुल्क लगाया गया। यूरोपीय संघ पर 20%, जापान पर 24%, और यूके पर 10% टैरिफ भी घोषित किए गए। ये शुल्क सभी अमेरिकी आयात पर 10% आधार शुल्क के अतिरिक्त हैं।
भारत ने अमेरिका के साथ सही व्यवहार नहीं किया: ट्रम्प
ट्रंप ने कहा कि यह कदम अमेरिकी उद्योगों को पुनर्जनन देगा और दशकों से चली आ रही अनुचित व्यापार प्रथाओं का जवाब देगा। उन्होंने एक चार्ट दिखाया जिसमें विभिन्न देशों द्वारा अमेरिका पर लगाए गए टैरिफ और अब उनके खिलाफ नए शुल्क प्रदर्शित किए गए। भारत के संदर्भ में, ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महान मित्र कहा, लेकिन यह भी जोड़ा कि भारत ने अमेरिका के साथ सही व्यवहार नहीं किया। यह घोषणा भारत और अमेरिका के बीच चल रही द्विपक्षीय व्यापार संधि वार्ताओं के बीच आई है।
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार: वाणिज्य मंत्रालय
भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने इसे “मिश्रित प्रभाव” वाला कदम बताया और कहा कि यह “झटका नहीं” है। मंत्रालय इसका विश्लेषण कर रहा है, क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जो इसके कुल निर्यात का 18% हिस्सा लेता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर 0.30-0.40% का असर पड़ सकता है। भारतीय शेयर बाजार में घोषणा के बाद सेंसेक्स 500 अंक से अधिक गिर गया।
चीन, यूरोपीय संघ ने जवाबी कार्रवाई की दी चेतावनी
वैश्विक स्तर पर, इस कदम से व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है। चीन, यूरोपीय संघ और अन्य देशों ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए भी चिंताएं हैं, क्योंकि अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इससे मुद्रास्फीति बढ़ेगी और उपभोक्ता कीमतें चढ़ेंगी। ट्रंप ने दावा किया कि यह अमेरिका की मुक्ति का दिन है, लेकिन आलोचकों का मानना है कि यह वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है। टैरिफ 5 अप्रैल से 10% आधार शुल्क और 10 अप्रैल से अतिरिक्त शुल्क के साथ लागू होंगे।