नई दिल्ली। टाइम मैगजीन ने अपनी 2025 की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची जारी की है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, टेस्ला सीईओ एलन मस्क, बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस और यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर जैसे वैश्विक नेता शामिल हैं। हालांकि, इस बार सूची में किसी भारतीय का नाम नहीं है, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक उल्लेखनीय अनुपस्थिति है। पिछले साल अभिनेत्री आलिया भट्ट और ओलंपियन पहलवान साक्षी मलिक ने इस सूची में जगह बनाई थी, जबकि भारतीय मूल के सत्या नडेला, अजय बंगा और देव पटेल भी शामिल थे।
सूची को नेतृत्व, आइकन, टाइटन, पायनियर्स और इनोवेटर्स जैसे विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है। नेतृत्व श्रेणी में मेक्सिको की पहली महिला राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वैंस, डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस और जर्मनी के रूढ़िवादी नेता फ्रेडरिक मर्ज जैसे नाम शामिल हैं।
भारतीय मूल की रेशमा केवलरमानी को मिली जगह
भारतीय मूल की रेशमा केवलरमानी, जो वर्टेक्स फार्मास्यूटिकल्स की सीईओ हैं, को भी नेतृत्व श्रेणी में जगह मिली। उन्होंने सिकल सेल रोग के लिए क्रिस्पर-आधारित जीन-एडिटिंग थेरेपी को मंजूरी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारतीय के शामिल नहीं होने से चर्चाएं तेज
सूची में मनोरंजन और खेल जगत से सेरेना विलियम्स, डेमी मूर, स्कारलेट जोहानसन और एड शीरन जैसे नाम भी शामिल हैं। टाइम मैगजीन की यह सूची हर साल उन लोगों को सम्मानित करती है, जिन्होंने राजनीति, विज्ञान, व्यवसाय और कला जैसे क्षेत्रों में वैश्विक प्रभाव डाला। इस बार भारत की अनुपस्थिति ने चर्चा को जन्म दिया, क्योंकि भारतीय नेता और हस्तियां पहले नियमित रूप से इस सूची में शामिल होती रही हैं।
मोहम्मद युनूस के कामों को सराहा गया
मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के बाद सत्ता परिवर्तन और लोकतंत्र की दिशा में उनके प्रयासों के लिए सराहा गया। ट्रंप और मस्क का प्रभाव उनकी राजनीतिक और व्यावसायिक उपलब्धियों के कारण रहा। यह सूची वैश्विक प्रभाव और नरम शक्ति का एक महत्वपूर्ण संकेतक मानी जाती है।