नई दिल्ली। उत्तर भारत में मानसून ने 29 जून को दस्तक दी, जिसके साथ दिल्ली-एनसीआर में छिटपुट बारिश और तूफान की चेतावनी जारी रही। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली के लिए येलो अलर्ट जारी किया, जिसमें हल्की बारिश, गरज और बिजली की संभावना जताई गई। दिल्ली में शनिवार दोपहर जोरदार बारिश हुई, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली, लेकिन निचले इलाकों में जलभराव की समस्या भी देखी गई।
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण चारधाम यात्रा को अगले 24 घंटों के लिए स्थगित कर दिया गया। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को श्रीनगर या रुद्रप्रयाग में रोका जा रहा है, जबकि यमुनोत्री और गंगोत्री के लिए यात्रियों को विकासनगर और बड़कोट में रोका गया। यात्रियों को सुरक्षित वापस लाने के लिए सख्त उपाय किए जा रहे हैं।
उत्तरकाशी के बड़कोट में सिलाई बैंड के पास बादल फटने से एक होटल निर्माण स्थल पर भूस्खलन हुआ, जिसमें नौ मजदूर लापता हो गए। जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य के अनुसार, भारी बारिश के बीच एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में जुटे हैं।
हिमाचल के इन इलाकों में बाढ़ का खतरा
हिमाचल प्रदेश में भी बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों में मध्यम से उच्च बाढ़ का खतरा बताया गया। मंडी में पंडोह बांध के पांच द्वार खोले गए, जिससे 36,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। लोगों को ब्यास नदी के किनारों से दूर रहने की सलाह दी गई।
उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी अगले कुछ दिनों तक बारिश की संभावना है। प्रशासन ने लोगों से बाढ़ और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से बचने की अपील की है। यह मानसून 105% दीर्घकालिक औसत वर्षा का अनुमान लगाया गया है, जो कृषि के लिए लाभकारी हो सकता है, लेकिन भारी बारिश से बाढ़ का खतरा भी बना हुआ है।