नई दिल्ली। तेलंगाना के एक आईएएस अधिकारी प्रफुल्ल देसाई पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा में आरक्षण प्राप्त करने के लिए फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने का आरोप लगाया गया है। यह महाराष्ट्र में परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर से जुड़े विवाद की पृष्ठभूमि में आया है, जो इसी तरह के आरोपों का सामना कर रही हैं।
करीमनगर के अतिरिक्त कलेक्टर के रूप में कार्यरत देसाई के खिलाफ दावे तब सामने आए, जब घुड़सवारी सहित साहसिक खेल करते हुए उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गईं। देसाई पर यूपीएससी परीक्षा के लिए ओएच (ऑर्थोपेडिकली हैंडीकैप्ड) कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है। आईएएस अधिकारी ने 2019 में आयोजित यूपीएससी परीक्षा में 532वीं रैंकिंग हासिल की।
हालांकि, देसाई ने इस तरह के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि उनका एक पैर विकलांग है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह शारीरिक गतिविधियों में बिल्कुल भी शामिल नहीं हो सकते। उन्होंने स्पष्ट किया कि इनमें से कई गतिविधियां उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा थीं।
बाएं पैर में 45 प्रतिशत विकलांगता
इंडिया टुडे के मुताबिक बेलगावी जिला अस्पताल से देसाई की मेडिकल रिपोर्ट हासिल की गई है, जहां डॉक्टर ने प्रमाणित किया कि उन्हें पोलियो के कारण लोकोमोटर विकलांगता और बाएं पैर में 45 प्रतिशत विकलांगता है। देसाई ने कहा कि उनके एक पैर में पोलियो है जिसके कारण वह दौड़ नहीं सकते लेकिन चल सकते हैं और साइकिल चला सकते हैं।
वायरल तस्वीरें जो दावों को हवा दे रही हैं। अपने इंस्टाग्राम हैंडल से वायरल तस्वीरों में देसाई को हैदराबाद के एक टेनिस कोर्ट में अपने दोस्तों के साथ सेल्फी लेते देखा गया था। एक अन्य तस्वीर में देसाई को देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में साइकिल चलाते हुए दिखाया गया है।