नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 से 9 जुलाई 2025 तक पांच देशों- घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा पर हैं। इस यात्रा का मकसद भारतीय समुदाय से जुड़ना, वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) के साथ भारत के रिश्तों को मजबूत करना और ब्रिक्स जैसे मंचों पर सहयोग बढ़ाना है। यह यात्रा भारत की कूटनीति और विश्व में भारतीयों की भूमिका को रेखांकित करती है।
यात्रा की शुरुआत घाना से हो रही है, जो 30 साल में किसी भारतीय पीएम की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। वहां मोदी घाना की संसद को संबोधित करेंगे और 15,000 से अधिक भारतीय समुदाय से मिलेंगे। राष्ट्रपति जॉन द्रामनी महामा के साथ उनकी बातचीत में कृषि, टीके, डिजिटल तकनीक और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर होगा। दोनों देशों के बीच 3 अरब डॉलर का व्यापार और 2 अरब डॉलर का निवेश और गहरा होगा।
1999 के बाद किसी भारतीय पीएम की पहली त्रिनिदाद यात्रा
इसके बाद मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो जाएंगे, जहां वे वहां की संसद को संबोधित करेंगे। यह 1999 के बाद किसी भारतीय पीएम की पहली यात्रा है। वहां के भारतीय मूल के लोगों के साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्तों को मजबूत किया जाएगा। अर्जेंटीना में राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ रक्षा, कृषि और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी।
ब्राजील में मोदी 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे
ब्राजील में मोदी 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जहां कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जलवायु वित्त और वैश्विक सुधारों पर बात होगी। ब्राजील के साथ 12.2 अरब डॉलर का व्यापार और मजबूत होगा। अंत में, नामीबिया में मोदी वहां की संसद को संबोधित करेंगे और भारत द्वारा समर्थित स्वतंत्रता आंदोलन को याद करेंगे। दवाइयों, डिजिटल भुगतान और खनिज जैसे क्षेत्रों में नए अवसर खुलेंगे।
हर देश में मोदी भारतीय समुदाय से मिलेंगे, जो विश्व में भारत की संस्कृति और प्रभाव को बढ़ाते हैं। यह यात्रा भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत और समावेशी नेता के रूप में स्थापित करेगी।