नई दिल्ली। ऑटो कंपोनेंट निर्माता कंपनी सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स लिमिटेड (सोना कॉम्स्टार) में स्वर्गीय चेयरमैन संजय कपूर की मृत्यु के बाद शेयरधारिता और बोर्ड नियुक्तियों को लेकर विवाद गहरा गया है। संजय कपूर की मां रानी कपूर ने कंपनी के वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को स्थगित करने की मांग की थी, लेकिन कंपनी ने 25 जुलाई 2025 को बैठक आयोजित की।
रानी कपूर ने आरोप लगाया कि उनके बेटे की मृत्यु के बाद उनसे जबरदस्ती दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए और कपूर परिवार की विरासत को हड़पने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि वह अपने पति सुरिंदर कपूर की वसीयत के आधार पर सोना ग्रुप, जिसमें सोना कॉम्स्टार शामिल है, की प्रमुख शेयरधारक हैं।
रानी कपूर कम से कम 2019 से कंपनी की शेयरधारक नहीं
सोना कॉम्स्टार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि रानी कपूर कम से कम 2019 से कंपनी की शेयरधारक नहीं हैं। कंपनी के रिकॉर्ड के अनुसार, मई 2019 में संजय कपूर को आरके फैमिली ट्रस्ट का एकमात्र लाभकारी मालिक घोषित किया गया था, जो ऑरियस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (एआईपीएल) का प्रमुख शेयरधारक है। एआईपीएल कंपनी में 28.02% हिस्सेदारी रखता है, जबकि 71.98% हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है। कंपनी ने स्पष्ट किया कि संजय कपूर की मृत्यु के बाद रानी कपूर से कोई दस्तावेज हस्ताक्षरित या प्राप्त नहीं किए गए।
रानी कपूर एक ईमेल भेजकर एजीएम स्थगित करने की मांग की
रानी कपूर ने 24 जुलाई को देर रात एक ईमेल भेजकर एजीएम स्थगित करने की मांग की थी, लेकिन कंपनी ने कानूनी सलाह के आधार पर बैठक को आगे बढ़ाया। एजीएम में संजय कपूर की पत्नी प्रिया सचदेव कपूर को गैर-कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया, जिसे एआईपीएल के नामांकन पर बोर्ड की नामांकन और पारिश्रमिक समिति ने मंजूरी दी। रानी कपूर ने इस नियुक्ति पर आपत्ति जताते हुए कहा कि परिवार की सहमति के बिना यह निर्णय लिया गया।
संजय कपूर का निधन 12 जून 2025 को यूके में पोलो खेलते समय दिल का दौरा पड़ने से हुआ। कंपनी ने 23 जून को जेफरी मार्क ओवरली को नया चेयरमैन नियुक्त किया। यह विवाद अब कानूनी और कॉर्पोरेट गवर्नेंस की जांच का विषय बन सकता है।