नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक निकाय भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि सिम स्वैप स्कैम और धोखाधड़ी गतिविधियों की जांच के लिए मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) नियमों में संशोधन 1 जुलाई से लागू होंगे। नियामक द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 14 मार्च, 2024 को दूरसंचार मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (नौवां संशोधन) विनियम, 2024 जारी किया, जो 1 जुलाई, 2024 को लागू होगा।”
ट्राई के अनुसार, सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट का मतलब मौजूदा ग्राहक द्वारा खोए हुए या काम न करने वाले सिम कार्ड के स्थान पर नया सिम कार्ड हासिल करने की प्रक्रिया है। ट्राई के नियमों के अनुसार, यूजर्स मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) सुविधा भी चुन सकते हैं जो उन्हें देश में एक एक्सेस प्रदाता से दूसरे एक्सेस प्रदाता के पास जाने पर अपना मोबाइल नंबर बनाए रखने की अनुमति देता है।
नए सिम कार्ड के नियम
- 1. अगर कोई नंबर एक निश्चित अवधि तक बंद रहता है तो मोबाइल ऑपरेटर इस सिम कार्ड को डिएक्टिव कर सकते हैं। इससे सिम के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलती है। ऐसे में अपने सिम कार्ड को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए नियमित रूप से उसका इस्तेमाल करें।
- 2. नया सिम कार्ड पाने के लिए वैलिड आईडी और एड्रेस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। इसके अलावा कुछ मामलों में बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की भी मदद ली जाएगी। इसका उद्देश्य अवैध सिम बिक्री को रोकना और सही यूजर की पहचान करना है।
- 3. इसके अलावा एक व्यक्ति द्वारा रखे जा सकने वाले सिम कार्ड की संख्या की एक निश्चित सीमा होती है। ये अपराधियों को कई कार्ड का दुरुपयोग करने से रोकता है। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि आपके नाम पर कितने सिम जारी किए गए हैं।
- 4. इसके अलावा प्रीपेड सिम कार्ड को भी अब पोस्टपेड कनेक्शन के समान पहचान और पते के प्रमाण के साथ रजिस्टर करना होगा। इससे जवाबदेही बढ़ती है और दुरुपयोग की संभावना कम होती है।
- 5. इससे अलावा मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) नियमों में बदलाव किए जाएंगे। यानी अब जब आप नंबर पोर्ट कराएंगे तो आपका सात दिनों तक किसी दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर में पोर्ट नहीं किया जाएगा। इस अवधि के बाद ही इसे पोर्ट किया जाएगा।