ट्रैक्टरों से हुआ रिहर्सल– प्रदर्शनकारी किसान गुपचुप तरीके से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आवास घेर सकते हैं। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के करीब 23 किसान संगठनों ने एमएसपी कानून गारंटी और एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। उससे पहले किसानों के आंदोलन को लेकर एक खुफिया रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि इस प्रोटेस्ट के लिए कई महीनों पहले से ही रिहर्सल शुरू हो चुकी थी, जिसमें प्रदर्शनकारी किसान ट्रैक्टर मार्च निकालने के लिए 40 से ज्यादा रिहर्सल कर चुके हैं।
इस प्रोटेस्ट के लिए सबसे ज्यादा रिहर्सल पंजाब में
इस प्रोटेस्ट के लिए सबसे ज्यादा रिहर्सल, पंजाब के गुरदासपुर में 15 ट्रैक्टर मार्च रिहर्सल हुए हैं। इस आंदोलन के लिए लगभग 15 से 20 हजार किसान 2000 से 2500 ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली कूच कर सकते हैं। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, केरल, और कर्नाटक से भी किसानों के राष्ट्रीय राजधानी की ओर आने की बात कही गई है। इस आंदोलन के लिए किसान संगठनों ने 100 से ज्यादा बैठकें कर चुके हैं और रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों के साथ असामाजिक तत्व भी इस आंदोलन का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं। इसमें शामिल होकर कानून व्यवस्था बिगाड़ सकते हैं।
BJP के बड़े नेताओं के आवास के बाहर डेरा डाल सकते हैं किसान
ट्रैक्टरों से हुआ रिहर्सल- खुफिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के आसपास के राज्यों से किसान बाइक, कार, मेट्रो, रेल, बस से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आ सकते हैं। खुफिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि कुछ किसान गुपचुप तरीके से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, कृषि मंत्री और भाजपा के बड़े नेताओं के आवास के बाहर डेरा डाल सकते हैं। इसमें प्रदर्शनकारी दिल्ली में घुसने के लिए महिलाओं और बच्चों को आगे कर सकते हैं। इसके लिए सोशल मीडिया पर निगरानी रखना बहुत जरूरी है। दिल्ली की सीमाओं पर मजबूत बैरिकेडिंग और अंदर भी कड़ी सुरक्षा की जरूरत है।