नई दिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) नागरिक अशांति की चपेट में है। यहां फैले विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है। शनिवार को ताजा झड़पों में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए। दरअसल, महंगाई, उच्च कर व्यवस्था और बिजली की कमी के खिलाफ शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पीओके में अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए एक आंदोलन में बदल गया है।
प्रदर्शनकारी आजादी के नारे लगा रहे हैं। मुजफ्फराबाद और अन्य जिलों में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के साथ उनकी झड़प हुई। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी कर रही है, जिसमें व्यापारी सबसे आगे हैं। शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान करने के बाद एक्शन कमेटी के दर्जनों नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।
चक्का जाम और हड़तालें होने जा रही
ट्रेडर्स एसोसिएशन मुजफ्फराबाद के अध्यक्ष और सदस्य सौकत नवाज मीर ने कहा, “दादयाल में हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता के खिलाफ पीओके और विशेष रूप से मुजफ्फराबाद में पूरी तरह से शटडाउन, चक्का जाम और हड़ताल होने जा रही है।” समाचार एजेंसी आईएएनएस ने बताया कि कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी ने यह जानकारी दी।
लोगों के विरोध का वीडियो वायरल
पाकिस्तानी प्रतिष्ठान से आजादी की मांग कर रहे स्थानीय लोगों के वीडियो वायरल होने पर उन्होंने कहा, “मैं आज सभी से बाहर आने और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का आह्वान करता हूं।” समिति ने अगस्त 2023 में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था। शौकत नवाज़ मीर ने कहा, “हम बिजली बिलों पर कर लगाने को अस्वीकार करते हैं। इसके बजाय, हम मांग करते हैं कि उपभोक्ताओं को क्षेत्र में जल विद्युत की उत्पादन लागत के अनुसार बिजली प्रदान की जानी चाहिए।”
एस. जयशंकर ने कही ये बात
5 मई को, इस बात पर जोर देते हुए कि पीओके हमेशा भारत का हिस्सा रहा है, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि यहां पर बहुत खेदजनक स्थिति जारी है क्योंकि पिछली सरकारों ने यह सुनिश्चित नहीं किया कि पाकिस्तान आजादी के बाद इस क्षेत्र को खाली कर दे।