नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी अनुचित थी। कोर्ट ने कहा कि लंबे समय तक जेल में रखना किसी शख्स को स्वतंत्रता से गलत तरीके से वंचित करना है। हालांकि, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने माना कि सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी वैध थी और प्रासंगिक प्रक्रियात्मक कानूनों के अनुपालन में थी।
आप नेताओं मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, विजय नायर और भारत राष्ट्र समिति की के. कविता के बाद केजरीवाल इस मामले में जेल से बाहर आने वाले चौथे हाई-प्रोफाइल नेता बन गए हैं। केजरीवाल की रिहाई हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले आप के लिए एक बड़ी राहत है। आप मौजूदा भाजपा और कांग्रेस को इस चुनाव में बड़ी चुनौती दे सकती है।
ईडी ने 21 मार्च को किया था गिरफ्तार
दिल्ली के मुख्यमंत्री को पहली बार ईडी ने कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उन्हें 26 जून को भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, जब वह ईडी की हिरासत में थे। हफ्तों बाद, 12 जुलाई को केजरीवाल को ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी। हालांकि, सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के कारण वह तिहाड़ जेल में बंद रहे।