नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के झांसी के एक अस्पताल में आग लगने से 10 शिशुओं की मौत हो गई। दरअसल, महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की नवजात गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में एक्सपायर्ड अग्निशामक यंत्र पाए गए। यहां पर सुरक्षा अलार्म भी बंद था, जिससे शुक्रवार को अस्पताल को खाली कराने में देरी हुई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और शनिवार शाम तक रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री ने मृतक बच्चों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की है। बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। समाजवादी पार्टी ने इस हादसे के लिए प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि शुक्रवार दोपहर शॉर्ट सर्किट को नजरअंदाज कर दिया गया।
पीएम मोदी ने भी जताया दुख
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अग्निशामक सिलेंडर पर फिलिंग की तारीख 2019 और एक्सपायरी 2020 अंकित थी। आग लगने के बाद फायर अलार्म भी नहीं बजा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह घटना दिल दहला देने वाली है। राज्य सरकार द्वारा घोषित सहायता के अलावा, पीएम मोदी ने कहा कि मृतकों के परिवारों को प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से अतिरिक्त 2-2 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, प्रथम दृष्टया, आग ऑक्सीजन सांद्रक के अंदर शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। हालांकि, एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को ठीक करने के लिए एक नर्स ने वार्ड के अंदर माचिस की तीली जलाई जिसके बाद आग लग गई।