गुजरात में जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटना में वायुसेना के पायलट की मौत, एक अन्य घायल

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का एक जगुआर लड़ाकू विमान बुधवार रात गुजरात के जामनगर हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें एक पायलट की मौत हो गई। यह हादसा रात करीब 9:30 बजे हुआ, जब विमान प्रशिक्षण उड़ान पर था।

दुर्घटना जामनगर शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर सुवरदा गांव के पास एक खुले मैदान में हुई। हादसे के बाद विमान के मलबे में आग लग गई और यह कई टुकड़ों में बिखर गया। भारतीय वायु सेना ने गुरुवार सुबह इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि तकनीकी खराबी के कारण यह हादसा हुआ।

दुर्घटनाग्रस्त विमान दो सीटों वाला प्रशिक्षण विमान था

वायु सेना के बयान के अनुसार, यह दो सीटों वाला प्रशिक्षण विमान था, जिसमें दो पायलट सवार थे। तकनीकी खराबी का सामना करने के बाद दोनों पायलटों ने इजेक्ट करने की कोशिश की ताकि हवाई अड्डे और आसपास की आबादी को नुकसान से बचाया जा सके।

एक पायलट सुरक्षित रूप से बाहर निकल गया और उसे जामनगर के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। हालांकि, दूसरा पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया और उसने दम तोड़ दिया। वायु सेना ने मृत पायलट के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि वह उनके साथ मजबूती से खड़ी है।

दमकल विभाग और वायु सेना की टीमें मौके पर पहुंचीं

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, दमकल विभाग और वायु सेना की टीमें मौके पर पहुंचीं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विमान के जमीन से टकराते ही जोरदार धमाका हुआ और आसमान में धुएं का गुबार छा गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में जलता हुआ मलबा और बिखरे हुए विमान के हिस्से साफ दिखाई दे रहे हैं। जामनगर के कलेक्टर केबी ठक्कर ने कहा कि यह हादसा खुले मैदान में हुआ, इसलिए नागरिक क्षेत्र को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

वायु सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का दिया आदेश

वायु सेना ने इस दुर्घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है ताकि हादसे के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके। यह घटना हाल के महीनों में जगुआर विमान से जुड़ी दूसरी दुर्घटना है। इससे पहले मार्च में हरियाणा के पंचकुला के पास भी एक जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें पायलट सुरक्षित बच गया था। इस हादसे ने वायु सेना के पुराने विमानों की स्थिति पर सवाल उठाए हैं, हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीकी खराबी किसी भी विमान में हो सकती है। यह घटना वायु सेना के लिए एक दुखद क्षति है और जांच के नतीजों का इंतजार किया जा रहा है।

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