अजित पवार ने बीजेपी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे को किया खारिज, कहा- महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा

नई दिल्ली। भाजपा ने ‘बटेंगे तो कटेंगे’ के नारे के साथ अपने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अभियान को तेज कर दिया है। वहीं उसके गठबंधन सहयोगी एनसीपी के नेता अजीत पवार ने इस नारे पर अपना विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि हिंदू एकता का आह्वान करने वाला नारा महाराष्ट्र में नहीं गूंजेगा और इस बात पर जोर दिया कि इसके बजाय विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

एक टीवी चैनल को दिए विशेष साक्षात्कार में जब अजित पवार से ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जोर देकर कहा, ‘मैं इसका समर्थन नहीं कर रहा हूं। मैंने यह बात कई बार कही है। ये महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। यह यूपी, झारखंड या कुछ अन्य जगहों पर काम कर सकता है।”

यह नारा सबसे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा के संदर्भ में पेश किया गया था और बाद में आरएसएस और कई भाजपा नेताओं द्वारा इसका समर्थन किया गया, जो महाराष्ट्र में भाजपा के लिए एक केंद्रीय अभियान लाइन बन गया। आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली में इसे दोहराया था।

हमारा ध्यान ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर होना चाहिए: पवार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने भी हाल की एक चुनावी रैली में इस नारे को दोहराया। धुले में पीएम मोदी ने कहा, ‘हम एकजुट रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ध्यान ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राजनीति अलग है। पवार ने पहले भी इस नारे के इस्तेमाल पर अपना विरोध जताया था। पिछले सप्ताह योगी आदित्यनाथ की रैली के बाद टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का प्रयास किया है।

आदित्यनाथ की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पवार ने संवाददाताओं से कहा, “महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज, राजर्षि शाहू महाराज और महात्मा फुले का है। आप महाराष्ट्र की तुलना अन्य राज्यों से नहीं कर सकते। महाराष्ट्र के लोगों को यह पसंद नहीं है।”

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